Budget 2020: आम बजट में महिलाओं की हैं ये बड़ी उम्मीदें, कहा-सरकार को इसपर करना चाहिए काम
महिलाएं चाहती हैं कि बजट में उनके सुरक्षा को लेकर कोई बड़ी घोषणा हो। इसके अलावा किचन का सामान सस्ता हो जाए ताकि घर का आर्थिक बजट न बिगड़े।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट 2020-21 पेश करेंगी। यह सीतारमण का दूसरा बजट होगा। पिछले बजट में वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए कई अहम घोषणाएं की थीं। इस बार भी महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं। चूंकि, वित्त मंत्री खुद महिला हैं सो महिलाओं को एक बार फिर लग रहा है कि सीतारमण उनके लिए कुछ जरूरी एलान कर सकती हैं। 2019 के बजट की बात करें तो महिलाओं के लिए कई घोषणाएं हुईं, जिनमें महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ, मुद्रा योजना के तहत महिलाओं को सस्ता लोन देने का एलान किया गया। इसके तहत, एक लाख तक का लोन देने की घोषणा हुई। साथ ही जन धन खाते वाले प्रत्येक सत्यापित महिला एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) सदस्य को, 5000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति दी गई। महिलाएं चाहती हैं कि बजट में उनके सुरक्षा को लेकर कोई बड़ी घोषणा हो। इसके अलावा किचन का सामान सस्ता हो जाए ताकि घर का आर्थिक बजट न बिगड़े।
बजट में महिलाएं चाहती हैं कि उनकी सशक्तिकरण व शिक्षा पर ध्यान दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्र की हुनरमंद महिलाओं को ई-चौपाल या ई-नेट के माध्यम से और सशक्त किया जाए।
कामकाजी महिला शाइना का कहना है कि सरकार महिलाओं के यातायात खर्चों को कम करने के लिए कोई उपाय करे। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने से हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं। इसमें ट्रांसपोर्ट का खर्चा भी बढ़ गया है। साथ ही उन्होंने टैक्स में छूट की बात भी कही। शाइना ने कहा कि सरकार महिलओं को टैक्स में छूट दे। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक परिवारों के बच्चों को स्कूली शिक्षा देने के लिए भी कुछ ठोस उपाए करे, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे बीच में पढाई न छोड़कर इसे जारी रखें।
दरअसल, सरकार महिलाओं की बेहतरी के लिए कई सारे कदम उठा रही है, इससे उनकी उम्मीदें भी काफी बढ़ी हुई हैं। सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर शिल्पी जौहरी ने कहा, 'महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं और यह उम्मीद सरकार द्वारा लगातार महिलाओं के लिए उठाए गए कदम से और बढ़ गई है।' उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए टैक्स में रियायत दे। साथ ही सरकार महिला आंत्रप्रेन्योर के लिए कोई कदम उठाए। शिल्पी ने कहा कि ऐसी कामकाजी महिला जो काम से ब्रेक लेकर लंबे समय तक दोबारा काम में नहीं लौट पातीं उनके लिए भी सरकार को कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सरकार खुद ही चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा महिला काम करें, वे घर न बैठें इसलिए मातृत्व अवकाश पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।'
कुछ महिलाओं ने बालिकाओं के लिए व्यावसायिक कोर्स शुरु करने की बात कही। साथ ही म्यूचुअल फंड्स, बीमा व एफडी में महिलाओं को प्राथमिकता मिले।