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Budget 2020: देश के इन 8 बजट की होती है सबसे ज्यादा चर्चा, जानिए इनमें क्या था खास

अब तक जितने बजट पेश किए गए हैं उनमें से कुछ बजट अक्सर चर्चा में रहे। हम इस खबर में कुछ ऐसी ही बजट के बारे में बता रहे हैं।

By NiteshEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 11:08 AM (IST)
Budget 2020: देश के इन 8 बजट की होती है सबसे ज्यादा चर्चा, जानिए इनमें क्या था खास
Budget 2020: देश के इन 8 बजट की होती है सबसे ज्यादा चर्चा, जानिए इनमें क्या था खास

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। सीतारमण का यह दूसरा बजट होगा। 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण जारी होगा। बता दें कि सरकार अब एक ही बजट पेश करती है, अब अलग से रेल बजट पेश नहीं किया जाता है। भारत में अब तक जितने बजट पेश किए गए हैं उनमें से कुछ बजट अक्सर चर्चा में रहे। हम इस खबर में कुछ ऐसी ही बजट के बारे में बता रहे हैं।

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बता दें कि भारत का पहला बजट एक अंग्रेज जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश कि‍या था। जेम्स ब्रिटिश वायसराय काउंसिल के मेंबर (फाइनेंस) थे। आजादी से पहले बनी भारत की अं‍तरिम सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था। यह बजट 9 अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक के लिए था। भारत की आजादी के बाद की बजट की चर्चा करें तो आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था। यह एक अंतरिम बजट था।

1967-68 का बजट

पहली बार बजट को उपप्रधानमंत्री (मोरारजी देसाई) ने पेश किया था, जो वित्त मंत्री भी थे। एक विशेष सम्मान में अपनी तरह का यह पहला बजट था।

1968-69 का बजट

इस बजट को 'स्पाउस अलाउंस' समाप्ति के लिए भी याद किया जाता है। यह टैक्स बचाने का एक जरिया हुआ करता था। इसका फायदा यह था कि पति और पत्नी दोनों इनकम टैक्स बचाया करते थे।

1969-70 का बजट

बजट पेश होने के बाद कुछ उत्पादों की कीमत में तेजी सी बढ़ोतरी हुई, दरअसल 'स्टेटस सिंबल' के रूप में देखे जाने के कारण करों में वृद्धि की गई थी। ऐसी आयातित कारें जिनकी ड्यूटी 60 से बढ़ाकर 100 फीसद कर दी गई थी, इसे अन्य लक्जरी वस्तुओं के बराबर लाया गया, जिन्हें स्टेटस सिंबल के रूप में देखा गया।

1970-71 का बजट

इसे महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया था, जो उस वक्त वित्त मंत्री भी थीं।

1971-72

इस बजट के बाद नकद में टिकट खरीदने पर 20 फीसद टैक्‍स देना होगा। अगर विदेशी मुद्रा में टिकेट के लिए भुगतान करते हैं तो इस पर टैक्‍स नहीं लगेगा। इस बजट में नकद सौदों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई व्‍यवस्‍था की गई जिसका सीधा असर पर्यटकों पर पड़ा था।

1972-73

इसमें क्रॉसवर्ड पज़ल्स को हल करके अर्जित पुरस्कारों पर 34.5 फीसद का टैक्स प्रस्तावित कर दिया गया। यह बजट शब्दों और साहित्य से प्यार करने वालों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।

1974-75

इसमें इनकम टैक्स और सरचार्ज को 97.75 फीसद से 75 फीसद कर दिया गया। इस बजट में इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार किया गया।

1975-76

इस बजट में सरकारी कर्मचारियों को इंसेंटिव बोनस स्कीम का लाभ शुरू किया गया ताकि वे अपने भविष्य निधि खातों से अक्सर पैसे नहीं निकाल पाएं।


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