Move to Jagran APP

गांवों की बदलेगी तस्वीर, सुविधाओं से होंगे लैस

ग्रामीण बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी होगी मजबूत -बिजली रसोई गैस और शौचालय के साथ नल से जल युक्त सबको आवास -रोजगार मुहैया कराने की कवायद इंटरनेट से जुड़ेंगी सभी पंचायतें

By Harshit HarshEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 10:37 AM (IST)
गांवों की बदलेगी तस्वीर, सुविधाओं से होंगे लैस
गांवों की बदलेगी तस्वीर, सुविधाओं से होंगे लैस

नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। गांव, गरीब और किसानों के जीवन में सुधार लाकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार न्यू इंडिया में गांवों की तस्वीर बदलने की तैयारी में है। उसका मानना है कि सशक्त गांवों से ही देश की दशा और दिशा तय होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में बजट पेश करते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रावधानों का एलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का हर काम और प्रत्येक योजना के केंद्र में गांव, गरीब और किसान होता है। बजट में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 80 हजार करोड़ से अधिक के प्रावधान से 1.25 लाख किमी लंबी सड़कें अपग्रेड की जाएंगी। गांवों को चौतरफा जोड़ देने का लक्ष्य 2022 तक पूरा होना था, जिसे 2019 के अंत तक ही पूरा कर लिया जाएगा।

loksabha election banner

देश के 97 फीसद गांवों को इस तरह जोड़ दिया गया है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। इसमें प्लास्टिक और कोल मिक्स प्रौद्योगिक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम हुआ। गांवों में गरीबी का सबसे बड़ा संकेतक घर का अभाव है, जिसके लिए सरकार ने सबको आवास देने की योजना शुरू कर रखी है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 1.54 करोड़ मकान बना दिए गए हैं। जबकि वर्ष 2022 तक बाकी बचे 1.95 करोड़ और मकान बनाने की तैयारी है। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि गरीबों के लिए बनाए जाने वाले मकानों की रफ्तार पिछले सालों के मुकाबले दोगुनी हो गई है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बनाए जाने वाले मकान मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे। उनमें नल से पेयजल की आपूर्ति, शौचालय, रसोई घर, बिजली कनेक्शन और गैस कनेक्शन भी शामिल है। सात करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दे दिए गए हैं।

सभी परिवारों और घरों में बिजली पहुंचा दी गई है। वर्ष 2022 तक देश का कोई घर बिना बिजली कनेक्शन और रसोई गैस के नहीं रहेगा। ग्रामीण स्वच्छता पर बल देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि दो अक्तूबर 2019 को सारा देश खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो जाएगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के प्रयोग पर पूरा जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि और किसान को मजबूत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में भी दोहराया है। ग्रामीण क्षेत्र में रोजी रोजगार बढ़ाने की दिशा में भी सरकार ने पहल की है। बजट में ग्रामीण उद्योगों को स्थापित करने के प्रावधान किये गये हैं। इसमें किसानों को अन्नदाता से ऊर्जा दाता बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी। सौर ऊर्जा से लेकर कृषि कचरे का उपयोग ऊर्जा के लिए करने को प्रोत्साहित किया गया है।

गांवों की सबसे बड़ी कमजोरी कनेक्टिविटी का अभाव है, जिसे बजट में प्राथमिकता दी गई है। सड़क के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को डिजीटल साक्षर बनाने की योजना को विस्तार दिया गया है। पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने की योजना के चालू वित्त वर्ष के आखिर तक पूरा हो जाने का अनुमान है। जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए भी बजट में गांव के साथ किसानों को जागरूक बनाने पर जोर दिया गया है। जल संरक्षण और जल के उचित उपयोग को प्राथमिकता दी गई है। कम पानी वाली सिंचाई के तरीकों को अपना और जल संरक्षण को अपनाने की बात कही गई है। इसके लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की घोषणा की गई है। बजट में जलवायु परिवर्तन की मुश्किलों का सामना करने के लिए पेड़ लगाने और कचरा प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.