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Agriculture Budget Highlights: किसानों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध, बजट में कई बड़े ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सिंचाई की तकनीकों को बढ़ाने के लिए नाबार्ड के तहत 5000 करोड़ रुपये का माइक्रो इरिगेशन फंड तैयार किया गया है। इस बार बजट में फंड को अब दोगुना कर दिया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 07:37 AM (IST)
Agriculture Budget Highlights: किसानों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध, बजट में कई बड़े ऐलान
सरकार ने कहा है कि एमएसपी प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदेरशन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2021 का बजट पेश किया। बजट में सरकार ने किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने पर प्रतिबद्धता जताई है। किसानों के लिए बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। सरकार ने कहा है कि वो किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसपी को बढ़ाकर 1.5 गुना किया गया है। उन्होंने कहा कि धान, गेहूं, दलहन और कपास जैसी फसलों की खरीद पिछले छह वर्षों में कई गुना बढ़ गई है।

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल की लागत का डेढ़ गुना एनएसपी किसानों को दिया जा रहा है। पीएम ने 80 मिलियन परिवारों को कई महीनों तक मुफ्त गैस मुहैया कराया, 40 मिलियन से अधिक किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए सीधे नकद राशि मुहैया कराई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए। 2019 में हमने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की जो बढ़ कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला। वहीं, धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए। इस बार यह बढ़कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। 1.2 करोड़ किसानों को पिछले साल फायदा हुआ। इस बार 1.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ।

सरकार ने साल 2022 के लिए कृषि लोन का टारगेट बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ तक किया है। पशुपालन, डेरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए देश के पांच बंदरगाह कोच्चि, चैन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट को मत्स्य बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा। नदियों, जलमार्गों के किनारे स्थित अंतरदेशिय मत्स्य बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर का भी विकास किया जाएगा।


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