10 करोड़ परिवारों को हेल्थ प्रोटेक्शन समेत इन 10 बातों से समझ लीजिए पूरा बजट 2018
बजट प्रावधानों के मुताबिक 250 करोड़ रुपए तक का टर्नओवर करने वाली कंपनियों को अब 25 फीसद का टैक्स देना होगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आम बजट 2018 में वित्त मंत्री ने किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों पर खास ध्यान दिया, जबकि नौकरियों और निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अगले साल के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 3.3 फीसद तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया जो 3 फीसद के पूर्व लक्ष्य से काफी ज्यादा है।
साल 2018 में 8 राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों और साल 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले पेश होने वाले मौजूदा सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट में वित्त मंत्री ने देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी सहायता वाली स्वास्थ्य स्कीम की घोषणा की थी।
सरकार ने यह भी कहा कि खरीफ फसलों के समर्थन मूल्यों को उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 50 फीसद अधिक तय किया जाएगा और अगले वर्ष के लिए कृषि ऋण में इजाफा किया जाएगा।
इन 10 बातों से समझिए अरुण जेटली का पूरा बजट 2018
- 1 फरवरी 2018 को पेश किया गया जेटली का बजट किसानों के हित वाला, आम नागरिकों के हित वाला, बिजनेस के लिए बेहतरी वाला, विकास बढ़ाने वाला रहा। यह जीवन जीने के स्तर (ईज ऑफ लिविंग) में भी इजाफा करेगा।
- जेटली ने अपने बजट में एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा की जिसमें करीब 10 करोड़ गरीब परिवारों को कवर किया जाएगा। इससे सीधे 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। माध्यमिक एवं तीसरे स्तर के अस्पतालों में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपए का कवर दिया जाएगा।
- जेटली ने अपने बजट में यह भी कहा कि देश की गरीब महिलाओं को करीब 8 करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त में दिए जाएंगे।
- जेटली ने आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, जिसको लेकर अधिकांश लोगों ने उम्मीदें लगाई थीं। लेकिन सभी वेतनभोगियों को चिकित्सा एवं परिवहन प्रतिपूर्ति के बदले अपनी आय पर 40,000 रुपए की मानक कटौती की सहूलियत मिलेगी।
- वित्त मंत्री ने पर्सनल इनकम टैक्स और कार्पोरेशन टैक्स पर सेस को 3 फीसद से बढ़ाकर 4 फीसद कर दिया। जेटली ने कहा कि उन्होंने अपने हर बजट सिलसिलेवार तरीके से कोशिश की है कि मिडिल क्लास टैक्सपेयर के हाथों में सरप्लस मनी आए।
- जेटली ने अपने आम बजट में इक्विटी और इक्विटी म्युचुअल फंड में 1 लाख से अधिक के निवेश पर 10 फीसद के नए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा की है।
- बजट घोषणा के मुताबिक केंद्र सरकार अब नए कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 फीसदी योगदान देगी। इससे पहले सरकार 8.33 फीसदी का ही योगदान देती थी।
- बजट प्रावधानों के मुताबिक 250 करोड़ रुपए तक का टर्नओवर करने वाली कंपनियों को अब 25 फीसद का टैक्स देना होगा जो कि पहले 30 फीसद तक देना होता था।
- मार्च में खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.5 फीसद तक रखा गया है, यह 3.2 फीसद के लक्ष्य से भी ज्यादा है।
- चुनावी बजट में दलितों व आदिवासियों की नाराजगी दूर करने का भरसक प्रयास करते हुए जेटली ने कहा, “मैं 2018-19 के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं। सरकार नीति आयोग द्वारा इन क्षेत्रों में व्यय की परिणाम आधारित निगरानी की शुरुआत करेगी।