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Zomato-Swiggy से खाना मंगाते हैं तो जानिए कैसे महंगी हो सकती आपकी डिलीवरी

GST on Food Delivery सरकार Revenue बढ़ाने के लिए Zomato-Swiggy से होने वाली डिलीवरी को भी GST के दायरे में ला सकती है। जानकारों का कहना है कि ऐसा होने से ग्राहकों के बिल पर खास असर नहीं पड़ेगा।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 08:03 AM (IST)
Zomato-Swiggy से खाना मंगाते हैं तो जानिए कैसे महंगी हो सकती आपकी डिलीवरी
Zomato-Swiggy के जरिए ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के रूप में GST कमाई बढ़ जरूर जाएगी। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। GST Council की मीटिंग 17 सितंबर को होनी है। इसमें Petrol, Diesel और Natural Gas समेत कई प्रोडक्‍ट को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने की संभावना है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सरकार Revenue बढ़ाने के लिए Zomato-Swiggy से होने वाली डिलीवरी को भी GST के दायरे में ला सकती है। इस बारे में जानकारों का कहना है कि ऐसा होने से ग्राहकों के बिल पर खास असर नहीं पड़ेगा। हां, Zomato-Swiggy के जरिए ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के रूप में GST कमाई बढ़ जरूर जाएगी।

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Tax Expert और CA मनीष कुमार गुप्‍ता के मुताबिक फिलवक्‍त की व्‍यवस्‍था में Zomato-Swiggy जैसे डिलीवरी एजेंट ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के रूप में कस्‍टमर से फीस लेते हैं। लेकिन कुछ ऐसे रेस्‍त्रां है जो GST में रजिस्‍टर नहीं हैं और फूड आइटम पर टैक्‍स नहीं लगाते। इस कारण डिलीवरी या ट्रांसपोर्टेशन फीस के रूप में सरकार तक GST की रकम का लीकेज हो रहा है। सरकार इस लीकेज को भरना चाहती है।

Clear Mechanism बना सकती है सरकार

मनीष कुमार गुप्‍ता के मुताबिक GST Council की इस बार की बैठक में संभव है कि Zomato-Swiggy जैसी कंपनियों को एक Clear Mechanism बनाकर Tax भरने को कहा जाए। इससे सरकार को हजारों करोड़ रुपए टैक्‍स के रूप में राजस्‍व मिलेगा।

पेट्रोलियम उत्‍पाद पर होगी बातचीत

इसके अलावा Council पेट्रोलियम उत्पादों को GST दायरे में शामिल करने के लिए राज्यों के साथ बातचीत शुरू कर सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय के सुझाव के आधार पर, केंद्र प्राकृतिक गैस को जीएसटी के तहत लाने का मुद्दा जीएसटी परिषद के समक्ष उठा सकता है।

45वीं बैठक लखनऊ में होगी

GST Council की 17 सितंबर, 2021 को 45वीं बैठक लखनऊ में होगी। इसमें राज्यों के मुआवजे, कोविड आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में संशोधन, उल्टे शुल्क संरचना, केंद्र द्वारा नए कराधान के दायरे में गैस को जल्दी शामिल करने के मामले को भी उठाए जाने की संभावना है। राज्य ज्‍यादा राजस्व पाने वाले पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने से हिचक रहे हैं। लेकिन इस साल GST वसूली में काफी सुधार हुआ है।

(IANS इनपुट के साथ)


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