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खेती किसानी से जुड़े मामलों पर विकासशील देशों के हक में नहीं है WTO समझौता : पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बयान दिया कि जी-33 के वर्चुअल अनऑफिशियल मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि World Trade Organization में खेती किसानी से जुड़े मामलों पर समझौता विकासशील देशों के हक में नहीं है और यह समझौता विकसित देशों के पक्ष में था।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 06:00 PM (IST)
खेती किसानी से जुड़े मामलों पर विकासशील देशों के हक में नहीं है WTO समझौता : पीयूष गोयल
यूष गोयल ने कहा कि, WTO में खेती किसानी के मामलों पर समझौता विकासशील देशों के हक में नहीं है

नई दिल्ली, पीटीआइ। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जी-33 के वर्चुअल अनऑफिशियल मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, "World Trade Organization में खेती किसानी से जुड़े मामलों पर समझौता विकासशील देशों के हक में नहीं है और यह समझौता विकसित देशों के पक्ष में था। इस समझौते ने कई विकासशील देशों के खिलाफ नियमों को विकसित देशों के पक्ष में झुका दिया। समझौते के तहत नियम आधारित, निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक विषमताओं और असंतुलनों को ठीक किया जाना चाहिए।"

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शुक्रवार को दिए गए एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "इस बैठक को इंडोनेशिया द्वारा गुरुवार को जी-33 के कृषि प्राथमिकता के मुद्दों और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के लिए आगे की राह पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था, जो इस साल 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक आयोजित होने वाला है।"

जी-33 के कुल 47 सदस्यों में से, भारत सहित 21 देशों के प्रतिनिधियों ने संक्षिप्त हस्तक्षेप करने के लिए मंच साझा किया। अपने बयान में, केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि, "जी -33 को खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के स्थायी समाधान पर सकारात्मक परिणामों के लिए प्रयास करना चाहिए। जो कि एक स्पेशल सेफगार्ड मकैनिजम (SSM) को शीघ्रता से अंतिम रूप देने के लिए और घरेलू समर्थन पर एक संतुलित परिणाम हासिल करने के लिए काफी जरूरी है।"

उन्होंने सदस्यों से जी-33 गठबंधन के सामंजस्य को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया और जिनेवा में होने वाले 12वें सम्मेलन में कृषि पर निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित परिणाम के लिए अपने समर्थन को सुरक्षित करने के लिए अन्य समान विचारधारा वाले विकासशील समूहों से संपर्क के जरिए इसे और मजबूत किया।

कृषि में विश्व व्यापार संगठन के अनिवार्य मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए जी-33 संयुक्त मंत्रिस्तरीय बयान को अपनाने के साथ यह बैठक समाप्त हुई।


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