महंगे प्याज के कारण थोक महंगाई 8 महीने के उच्चतम स्तर पर, नवंबर में 3.93 फीसद रहा WPI
खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई ने भी आम आदमी को राहत नहीं दी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। खुदरा महंगाई के बाद अब थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ने भी आम आदमी को राहत नहीं दी है। नवंबर महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 3.93 फीसद रही है जो कि अक्टूबर में 3.59 फीसद रही थी। यह थोक महंगाई का आठ महीने का उच्चतम स्तर है। थोक महंगाई में यह इजाफा प्याज और मौसमी सब्जियों की कीमतों में इजाफे के कारण देखने को मिला है।
आपको बता दें कि नवंबर महीने में खुदरा महंगाई में 1 फीसद से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था। वहीं नवंबर महीने में कोर महंगाई दर 3 फीसद रही जो कि अक्टूबर महीने में 2.9 फीसद रही थी। वहीं खाद्य महंगाई दर 4.10 फीसद रही है जो कि अक्टूबर महीने में 3.23 फीसद रही थी।
खाने पीने की चीजों के बढ़े दाम: मासिक आधार पर नवंबर में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 3.23 फीसद से बढ़कर 4.1 फीसद रही है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर 3.33 फीसद से बढ़कर 5.28 फीसद रही है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में सब्जियों की थोक महंगाई दर 36.61 फीसद से बढ़कर 59.80 फीसद रही है। वहीं महीने दर महीने आधार पर नवंबर में नॉन-फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर -0.67 फीसद के मुकाबले -0.68 फीसद रही है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में फ्यूल एवं पावर की थोक महंगाई दर 10.52 फीसद से घटकर 8.82 फीसद रही।
नवंबर में बढ़े खाने पीने की चीजों के दाम, खुदरा महंगाई 15 महीनों की ऊंचाई पर
नवंबर महीने में भी महंगाई ने आम आदमी को राहत नहीं दी है। महंगाई के मोर्चे पर सरकार को एक बार फिर से झटका लगा है। खुदरा महंगाई में 1 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) नवंबर में 4.8 फीसद रही है जो कि बीते 15 महीनों की उच्चतम स्तर है। आपको बता दें कि अक्टूबर महीने में यह 3.58 फीसद रही थी। गौरतलब है कि रायटर्स के एक सर्वे में भी नवंबर के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति के बढ़ने के कयास लगाए गए थे।
नवंबर महीने के दौरान रिटेल फूड इन्फ्लेशन सालाना आधार पर 4.42 फीसद रही है जो कि पिछले महीने 1.90 फीसद रही थी। शहरी इलाकों की महंगाई दर 3.81 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में ग्रामीण इलाकों की महंगाई दर 3.36 फीसदी से बढ़कर 4.79 फीसदी रही है। वहीं दालों की महंगाई दर -23.13 फीसदी के मुकाबले -0.76 फीसदी रही