इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों की फाइनेंसिंग पर चिंता
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग जैसी राष्ट्रीय महत्व की गतिविधियों के लिए नियमों में छूट देने के कतई पक्ष में नहीं हैं।
कोलकाता, आइएएनएस : बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की फाइनेंसिंग के संबंध में बैंकों ने चिंता जताई है। बड़े कर्ज के मामलों में रिजर्व बैंक के नए फ्रेमवर्क में बड़ी कंपनियों को लोन देने में सतर्कता बरतने की बात कही गई है। शुक्रवार को ही रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग जैसी राष्ट्रीय महत्व की गतिविधियों के लिए नियमों में छूट देने के कतई पक्ष में नहीं हैं। वजह यह है कि इससे वित्तीय स्थिरता का खतरा पैदा हो सकता है। सरकार के लिए यह ज्यादा बेहतर है कि वह ऐसी गतिविधियों को सीधे छूट दे।
यहां आठवें आइसीसी बैंकिंग सम्मेलन के शुभारंभ पर भारतीय स्टेट बैंक के एमडी (कंम्लायंस एंड रिस्क) पीके गुप्ता ने कहा कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों खासतौर से नई परियोजनाओं की फाइनेंसिंग को लेकर कुछ चिंताएं हो सकती हैं। आरबीआइ का नया फ्रेमवर्क सुझाव देता है कि जिन भी कंपनियों ने बैंकिंग उद्योग से दस हजार करोड़ रुपये का लोन ले रखा है, अप्रैल 2019 से बैंक उनकी जरूरत का केवल 50 फीसद फाइनेंस कर सकते हैं। शेष धन उन्हें इक्विटी बाजार या अन्य स्रोतों से जुटाना होगा। शुक्रवार को केंद्रीय बैंक के साथ बैठक के दौरान बैंकरों ने आरबीआइ से इस मामले को देखने को कहा था।
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