दो साल में 6.7 फीसद पर पहुंचेगी विकास दर
वाशिंगटन। विश्व बैंक ने अगले दो वर्ष में भारत की विकास दर 6.7 फीसद पर पहुंचने का अनुमान जताया है। बैंक के मुताबिक निर्यात में बढ़ोतरी और निजी निवेश बढ़ने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। बैंक ने वर्ष 2013 में ग्लोबल अर्थव्यवस्था की विकास दर 2.2 फीसद रहने का अनुमान जताया है। वहीं, ग्लोबल वित्तीय दिग्गज एचएसबीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर अनुमान को छह फीसद से घटाकर 5.5 फीसद कर दिया है।
वाशिंगटन। विश्व बैंक ने अगले दो वर्ष में भारत की विकास दर 6.7 फीसद पर पहुंचने का अनुमान जताया है। बैंक के मुताबिक निर्यात में बढ़ोतरी और निजी निवेश बढ़ने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। बैंक ने वर्ष 2013 में ग्लोबल अर्थव्यवस्था की विकास दर 2.2 फीसद रहने का अनुमान जताया है। वहीं, ग्लोबल वित्तीय दिग्गज एचएसबीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर अनुमान को छह फीसद से घटाकर 5.5 फीसद कर दिया है।
विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2013-14 में भारत की विकास दर 5.7 फीसद रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2014-15 में यह वृद्धि दर बढ़कर 6.5 फीसद और इससे अगले साल 6.7 फीसद हो जाएगी। बैंक ने 'वैश्विक आर्थिक परिदृश्य' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र की वृद्धि मुख्य रूप से भारत के विकास पर निर्भर रहेगी। वर्ष 2012 में देश के निर्यात और निजी निवेश में खासी गिरावट आई थी। 2013 से 2015 की अवधि में इसमें उछाल दर्ज होने की उम्मीद है। विकास दर में कितना सुधार होगा यह नीतियों और राजकोषीय सुधारों पर निर्भर रहेगा। हालांकि अभी अनिश्चितता और गिरावट का जोखिम बरकरार है। रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक मांग में अनुमान से ज्यादा बढ़ोतरी या जिंसों की कीमतों में उम्मीद से ज्यादा गिरावट की स्थिति में अनिश्चितता पैदा हो सकती है। बढ़ते चालू खाते के घाटे के कारण विदेशी निवेश पर भारत की निर्भरता में वृद्धि हुई है। इससे निवेश माहौल में बड़े सुधार की गुंजाइश सीमित हुई है।
विश्व बैंक के मुताबिक विकसित देशों में जोखिम घट रहा है और अर्थव्यवस्था में मजबूती लौट रही है। इससे वर्ष 2013 में दुनिया की विकास दर 2.2 फीसद रहने के आसार हैं। वर्ष 2014 में यह वृद्धि दर तीन फीसद और 2015 में 3.3 फीसद रहने का अनुमान है। विकासशील देशों की वृद्धि दर इस साल 5.1 फीसद रहने का अनुमान है, जो 2014 में बढ़कर 5.6 फीसद और 2015 में बढ़कर 5.7 फीसद हो जाएगी।
उधर, एचएसबीसी ने कहा है कि भारत की विकास दर इस साल उसके पहले के अनुमान से कम रहने की उम्मीद है। इसलिए अनुमान में संशोधन किया गया है। आर्थिक सुधारों की रफ्तार धीमी रहने पर विकास दर और प्रभावित हो सकती है। वित्तीय दिग्गज ने वित्त वर्ष 2014-15 के लिए भी विकास दर अनुमान 7.1 फीसद से घटाकर 6.6 फीसद किया है।