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जन-धन खातों से एक महीने में निकाल सकेंगे महज दस हजार रुपये

अब जन-धन खातों एक माह में अधिकतम दस हजार रुपये ही निकाले जा सकेंगे।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2016 10:22 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2016 11:38 AM (IST)
जन-धन खातों से एक महीने में निकाल सकेंगे महज दस हजार रुपये

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार और आरबीआई ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने एलान किया है कि अब जन-धन खातों से एक महिनों में अधिकतम 10,000 रुपये ही निकाले जा सकेंगे। लेकिन, इसका फायदा उनको ही मिल पाएगा जिनका खाता केवाईसी नियमों का पालन करता है। आपको बता दें कि जिन खातों का केवाईसी सत्यापन नहीं हुआ है उनके लिए नकद निकासी सीमा 5,000 रुपये ही है।

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इससे पहले जन-धन बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाने की घोषणा की गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था कि क्योंकि जन-धन खातों में अचानक भारी रकम जमा होने लगी थी। इसके जरिए कालाधन इधर-उधर समायोजित करने वालों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

नोटबंदी के 14वें दिन तक 27,200 करोड़ रुपये की हुई वृद्धि

नोटबंदी के बाद जन-धन खातों में जमा होने वाली राशि में 14वें दिन तक तकरीबन 27,200 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। अब तक करीब 25 करोड़ 68 लाख जन-धन खातों में कुल जमा राशि 70 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर चुकी है। आपको बता दें कि 23 नवंबर को यह आंकड़ा 72,834.72 करोड़ रुपये था। 9 नवंबर 2016 को इन खातों में 45,636.61 करोड़ रुपये जमा थे। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद जन धन खातों में 27,198 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। गौरतलब है कि 25 करोड़ 68 लाख जन-धन खातों में से 22.94 प्रतिशत खातों में अब भी एक रुपया नहीं है।

क्या कहना है वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार?

जन-धन खातों के संचालन पर रोक की जानकारी देते समय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने बताया था कि जांच के बाद रोक हटा दी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि नोटबंदी के ऐलान के बाद उप्र में दस हजार करोड़ रुपए से अधिक रकम को जन-धन खातों में खपाए जाने की सूचना है। पश्चिमी बंगाल और राजस्थान में भी बड़ी मात्रा में रकम अचानक जन-धन खातों में जमा कराए जाने की पुष्टि हुई है। उक्त खातों की जांच कराई जा रही है।

गंगवार ने बताया कि जिन बैंकों से लेन-देन में गड़बड़ी करने की शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बैंककर्मियों से मिले सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि नोटबंदी से पनपी समस्याएं जल्दी समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि 14.5 लाख करोड़ रुपए की पुरानी करेंसी (500 व 1000 के नोट) में से करीब आधी करेंसी ही अब तक जमा हो पाई है। जब ज्यादा करेंसी जमा होगी तब अधिक नई करेंसी जनता को मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परेशानी गांव के लोगों को नहीं, क्योंकि उनके पास 500 व 1000 रुपये के नोट कम ही होते है। उनका काम 50 व 100 रुपये के नोट से चला करता है। गांव का गरीब जानता है कि मोदी सरकार की नीयत साफ है, उनकी मंशा अच्छी है। जल्द ही 500 रुपये के पर्याप्त नए नोट आएंगे, 31 दिसंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।

संतोष गंगवार ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज

गंगवार ने प्रधानमंत्री पर बिना तैयारी नोटबंदी करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्माण्यम स्वामी द्वारा वित्त मंत्री अरुण जटेली पर लगाए आरोपों पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि अब देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना पड़ेगा, तभी बड़े आर्थिक सुधार हो सकते हैं।


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