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क्‍या कम होगा हवाई किराया? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा - यह इस बात पर निर्भर करेगा कि...

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मैं चीजें स्थिर होते देख रहा हूं और उपयुक्त समय पर हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। मैं एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं हम निश्चित रूप से इसका फिर से आकलन करेंगे।

By Praveen Prasad SinghEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 06:40 PM (IST)
क्‍या कम होगा हवाई किराया? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा - यह इस बात पर निर्भर करेगा कि...
नागर विमानन मंत्री बोले, स्थिति बेहतर होते ही किराए की समीक्षा का करेंगे आकलन।

नई दिल्ली, एजेंसी : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि सरकार विमान ईधन (एटीएफ) के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिए किराये की सीमा का फिर से आकलन करेगी। कोरोना महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा और यह क्षेत्र अब खासकर यात्रियों की संख्या के लिहाज से पुनरुद्धार के रास्ते पर है। मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराये को लेकर सीमा लगाई है।

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एक बातचीत में सिंधिया ने कहा कि आज की स्थिति के अनुसार एयरलाइन के किराए की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है। मंत्री ने कहा, 'मैं चीजें स्थिर होते देख रहा हूं और उपयुक्त समय पर हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। मैं एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर से आकलन करेंगे।'

सिंधिया ने मई में कहा था कि किराया सीमा ने ना केवल हवाई यात्रियों के लिए बल्कि विमानन कंपनियों के लिए भी संरक्षक का काम किया है। मंत्री ने कहा, 'एक एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है। ऐसे में एटीएफ के 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होने से उसके असर को समझा जा सकता है। इसीलिए, संरचनात्मक नजरिये से उनके समक्ष चुनौतियां हैं।'

उन्होंने कहा, 'मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर एक से चार प्रतिशत कर दिया है।' रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाल के महीनों में एटीएफ के दाम में तेजी रही है। हालांकि, हाल में देश में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से ऊपर बनी हुई है।


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