साढ़े तीन साल के न्यूनतम स्तर पर थोक महंगाई दर, मैन्यूफैक्चरिंग गुड्स की कीमतों में तेज गिरावट का असर
खुदरा महंगाई की दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर 2019 में यह 4.62 परसेंट रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खुदरा महंगाई दर की विपरीत राह पर चलते हुए थोक महंगाई की दर साढ़े तीन साल के न्यूनतम पर आ गई है। अक्टूबर 2019 में मैन्यूफैक्चरिंग गुड्स की कीमतों में कमी के चलते थोक महंगाई की दर 0.16 परसेंट पर आ गई। सितंबर में यह 0.33 परसेंट थी जबकि पिछले साल अक्टूबर में थोक महंगाई की दर 5.54 परसेंट रही थी। थोक महंगाई के मामले में पिछला न्यूनतम अंक जून 2016 में -0.1 परसेंट रहा था।
थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई दर के ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थो में अभी महंगाई की दर ऊंची बनी हुई है। अक्टूबर में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 9.80 परसेंट रही। जबकि गैर खाद्य उत्पादों की दर 2.35 परसेंट पर आ गई। आलू की महंगाई दर इस महीने भी नेगेटिव में बनी रही। लेकिन सब्जियों की महंगाई दर कीमतें बढ़ने के चलते 38.91 परसेंट पर पहुंच गई। सितंबर में यह 19.43 परसेंट रही थी।फलों की थोक कीमतों में भी कमी आई है। इसके चलते इनकी महंगाई दर अक्टूबर में 2.72 परसेंट रही। जबकि सितंबर में यह 6.67 परसेंट रही थी।
इसके विपरीत मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की श्रेणी में महंगाई की दर अक्टूबर में -0.84 परसेंट पर आ गई। इकरा की अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि अक्टूबर में थोक महंगाई दर में तेज गिरावट की प्रमुख वजह कोर आइटम, फ्यूल एंड पॉवर, मिनरल्स और कच्चा तेल व प्राकृतिक गैस रही है। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई की दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अक्टूबर 2019 में यह 4.62 परसेंट रही है। रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा।