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पुराने साल का रिटर्न फाइल नहीं कर पाए, अब क्या करें?

31 मार्च को वित्त वर्ष की समाप्ति होती है। इस वित्त वर्ष के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने और कर अदा करने के लिए कर विभाग की ओर से चार माह का वक्त दिया जाता है। साल 2012-13 जो 31 मार्च को खत्म हो रहा है, इसका रिटर्न आपको 31 जुलाई, 2013 तक भरना अनिवार्य है। सैलरी वाले कर

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2013 10:52 AM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
पुराने साल का रिटर्न फाइल नहीं कर पाए, अब क्या करें?

नई दिल्ली। 31 मार्च को वित्त वर्ष की समाप्ति होती है। इस वित्त वर्ष के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने और कर अदा करने के लिए कर विभाग की ओर से चार माह का वक्त दिया जाता है। साल 2012-13 जो 31 मार्च को खत्म हो रहा है, इसका रिटर्न आपको 31 जुलाई, 2013 तक भरना अनिवार्य है। सैलरी वाले करदाताओं से पहले से ही टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काट लिया जाता है। ऐसे करदाताओं के नियोक्ता (एम्प्लॉयर) इस टीडीएस को सरकारी खाते में जमा कर देते हैं। ऐसे करदाताओं के लिए टैक्स रिटर्न भरने के लिए आठ माह का वक्त और मिल जाता है। यानी 31 जुलाई की बजाय 31 मार्च, 2014 तक। अगर नियोक्ता ने वाजिब से ज्यादा टीडीएस काटा है तो आप टैक्स विभाग से रीफंड क्लेम कर सकते हैं। जल्द रीफंड के लिए आपको जल्दी से रिटर्न भरना चाहिए।

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अब सवाल उठता है कि अगर पुराने साल का टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो क्या करना होगा। नियम यह है कि अगर आपका टैक्स बनता है और उस साल की 31 जुलाई तक कर सहित टैक्स रिटर्न नहीं भरा तो हर माह एक फीसद ब्याज के साथ आपको कर अदा करना होगा।

उदाहरण के तौर पर, आपका टैक्स बनता है 10,000 रुपये। आपने 31 जुलाई, 2013 की जगह 31 अक्टूबर, 2013 को रिटर्न फाइल किया तो तीन माह का ब्याज हुआ 300 रुपये। इसी तरह 31 मार्च, 2013 तक टैक्स भरने पर आपको आठ माह का ब्याज यानी 800 रुपये अतिरिक्त अदा करना होगा। 31 मार्च, 2013 की समय सीमा पार करने के बाद 5,000 रुपये का जुर्माना आपका इंतजार कर रहा है। इसके ऊपर एक फीसद प्रति माह का ब्याज अलग।

इस फॉर्मूले के आधार पर आप जितना पुराना टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं, उसका आकलन कर सकते हैं और उचित होगा कि आप ब्याज के साथ वाजिब टैक्स अदा कर चैन की नींद सोएं। अगर पुराने साल का आपका रीफंड बनता है तो भी प्रति वर्ष 5,000 रुपये की पेनाल्टी कटाने के बाद आप रीफंड क्लेम कर सकते हैं। अगर साल में पांच लाख रुपये सैलरी पाते हैं तो 50,000 रुपये आपका टीडीएस ही चला जाता है। संभव है कि टैक्स की सारी देनदारी के बाद भी कर विभाग के पास आपके 30,000 रुपये बचें। इस बचे रीफंड पर टैक्स विभाग आधा फीसद प्रति माह की दर से ब्याज भी देता है।

अगर आपने तीन साल पहले का रिटर्न फाइल नहीं किया है तो भी इसे अब फाइल करना आपके फायदे में है। दो साल की पेनाल्टी बनती है 10,000 रुपये और आपको रीफंड होंगे 20,000 रुपये से ज्यादा। तो हो गई आपकी होली और भी रंगीन।


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