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देश के किसी राज्य में रहें चलेगा एक ही कार्ड, जानें क्‍या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को अगले दो महीने के लिये मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 07:26 AM (IST)
देश के किसी राज्य में रहें चलेगा एक ही कार्ड, जानें क्‍या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना
देश के किसी राज्य में रहें चलेगा एक ही कार्ड, जानें क्‍या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त को लेकर कई एलान किए। इस दौरान उन्‍होंने बताया कि देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा। इस योजना से सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसद आबादी कवर होगी। वहीं 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे। मार्च 2021 से पहले 100 फीसद नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल करने का लक्ष्य है।

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योजना को समझिये

राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश का है और उसका कार्ड भी उसी राज्य का है और वह दूसरे राज्य में जाता है तो वहां भी उसे उत्तर प्रदेश वाले राशन कार्ड पर सरकारी राशन मिलेगा। वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को अगले दो महीने के लिये मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा। 

वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण योजना देश के गरीब लोगों के लिए था। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए 14 करोड़ 62 लाख काम पैदा किए गए। इसमें 10000 करोड़ खर्च किए।


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