एटीएम, डेबिट कार्ड जारी करेंगे पर कर्ज नहीं दे सकेंगे पेमेंट बैंक
रिजर्व बैंक को पेमेंट बैंक लाइसेंस के लिए 41 अर्जियां मिली थीं, जिनमें से 11 को लाइसेंस के योग्य पाया गया।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 'पेमेंट बैंकों' के लिए लाइसेंस जारी करने की मंजूरी दे दी है।
जिन 11 कंपनियों की अर्जियों को मंजूरी दी गई है उनमें आदित्य बिड़ला नुवो लिमिटेड, एयरटेल एम-कामर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, वोडाफोन एम-पैसा, भारतीय डाक विभाग, नेशनल सिक्युरिटी डिपॉजिट लिमिटेड, फिनो पे टेक लिमिटेड, चोलामंडलम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस लिमिटेड का नाम है।
इसके अलावा सन फार्मा के प्रमोटर दिलीप सांघवी, पे-टीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा की अर्जी भी शामिल थी।
रिजर्व बैंक को पेमेंट बैंक लाइसेंस के लिए 41 अर्जियां मिली थीं, जिनमें से 11 को लाइसेंस के योग्य पाया गया।
क्या है पेमेंट बैंक
पेमेंट बैंक में हर खाताधारक अधिकतम एक लाख रुपए तक की राशि जमा कर सकता है।
इसके माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जा सकता है। ये बैंक ग्राहकों को एटीएम/डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं।
पेमेंट बैंक इंटरनेट बैंकिंग के जरिए लेन-देन की सुविधा भी देंगे।
पेमेंट बैंक से बैंकिंग सिस्टम में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
पेमेंट बैंक नियमित बैंकों की तरह कर्ज नहीं दे सकते। क्रेडिट कार्ड भी जारी नहीं कर सकते।
ये बैंक अपने पास नकदी या सरकारी प्रतिभूतियां ही रख सकते हैं।
कहां से आया विचार
पेमेंट बैंक के लिए रिजर्व बैंक ने 2013 में डिस्कशन पेपर जारी किया था। इसके बाद नचिकेत मोर कमेटी का गठन किया गया।
बाद में रिजर्व बैंक ने पेमेंट बैंक के लाइसेंस जारी करने के लिए नियम-कायदे तय किए। दिलचस्प ये है कि मोर कमेटी ने पेमेंट बैंक के लिए कीनिया में 2007 में वोडाफोन द्वारा शुरू की गई एम-पैसा सर्विस का उदाहरण दिया था।
एम-पैसा को अफ्रीका में हाथों-हाथ लिया गया। आंकड़ों के अनुसार कीनिया की जीडीपी में एम-पैसा की बड़ी भागीदारी है।
क्या होगा फायदा
अब बचत खातों में पड़ा आपका पैसा ज्यादा ब्याज भी कमा सकता है और आपके बिल वगैरह की टाइम पर पेमेंट और बाकी के नियमित खर्चे के काम भी आ सकता है। बिल का पेमेंट हो या गांव देहात में पैसा पहुंचाना हो वो सब पेमेंट बैंक से हो सकता है।
11 कंपनियां क्यों
आरबीआई के पेमेंट बैंक दिशा-निर्देशों के अनुसार मोबाइल कंपनियां और सुपरमार्केट चेन तथा कुछ अन्य व्यवसाय करने वाली कंपनियां ही इस लाइसेंस को हासिल कर सकती थीं। यही वजह है कि 41 आवेदनों में से 11 को ही चुना गया।