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वारेन बफेट ने खरीदी पेटीएम में हिस्सेदारी

पेटीएम भारत में भुगतान व वित्तीय सेवा में बड़ा बदलाव ला रही है। इसी वजह से बर्कशायर हैथवे ने इसमें निवेश का फैसला किया है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 09:49 AM (IST)
वारेन बफेट ने खरीदी पेटीएम में हिस्सेदारी
वारेन बफेट ने खरीदी पेटीएम में हिस्सेदारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अरबपति अमेरिकी निवेशक वारेन बफेट की बर्कशायर हैथवे ने भारत की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट फर्म पेटीएम में निवेश किया है। प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में भारत में बफेट का यह पहला निवेश है। पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने इस बात की जानकारी दी है।

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वन97 ने बताया कि बर्कशायर के इन्वेस्टमेंट मैनेजर टोड कॉम्ब्स को पेटीएम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में जगह दी गई है। हालांकि कंपनी ने सौदे के आकार या हिस्सेदारी खरीद की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बफेट की कंपनी ने 30 से 35 करोड़ डॉलर (करीब 2,500 करोड़ रुपये) में पेटीएम की तीन से चार फीसद हिस्सेदारी का सौदा किया है। इस सौदे के बाद भारतीय कंपनी का मूल्यांकन 10 अरब डॉलर (करीब 70 हजार करोड़ रुपये) के ऊपर पहुंच गया है। जापान की निवेश फर्म सॉफ्टबैंक ने पिछले साल 1.4 अरब डॉलर में पेटीएम में 20 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। चीन की अलीबाबा और आंट फाइनेंशियल भी पेटीएम के अन्य बड़े निवेशकों में शामिल हैं। पेटीएम से सौदा पूरा होने के बाद किसी गैर सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में भी यह बर्कशायर हेथवे का पहला निवेश होगा।

इस सौदे पर टोड कॉम्ब्स ने कहा, ‘मैं पेटीएम से प्रभावित हूं और इसकी विकास गाथा का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हूं। कंपनी भारत में भुगतान और वित्तीय सेवा में आमूलचूल कर रही है।’ पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि वित्तीय सेवा में बर्कशायर का अनुभव 50 करोड़ भारतीयों को वित्तीय समावेश के जरिये अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में लाने के पेटीएम के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार होगा।

बफेट की बर्कशायर मुख्यरूप से कंज्यूमर, एनर्जी और इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश करती है। मार्च, 2011 में बर्कशायर ने बजाज अलायंज जनरल के कॉरपोरेट एजेंट के रूप में भारत के गैर-जीवन बीमा सेक्टर में कदम रखने का फैसला किया था। हालांकि घाटे की वजह से साङोदारी दो साल में ही खत्म हो गई थी।

बफेट अब तक टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियों में निवेश से दूर रहे हैं। माना जा रहा है कि 2023 तक भारत में डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री एक लाख करोड़ डॉलर (करीब 70 लाख करोड़ रुपये) के स्तर तक पहुंच जाने के अनुमान से उनका इरादा बदला है। अभी भारतीय डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री का आकार 200 अरब डॉलर (करीब 14 लाख करोड़ रुपये) है।


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