VPF पर मिलता है PPF, अन्य सेविंग स्कीम्स से ज्यादा रिटर्न, जानें टैक्स छूट और अन्य बेनिफिट्स
VPF EPF पर मिलने वाले ब्याज की दर हर साल बदलती है। वित्त वर्ष 2019-20 में EPF ने 8.5% की दर से ब्याज दिया था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने हाल में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कमी कर दी है। इस वजह से वेतनभोगी लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय स्कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर पहले के 7.9 फीसद की तुलना में अब 7.1 फीसद ही ब्याज मिल रहा है। इससे गारंटीड और टैक्स फ्री रिटर्न की इच्छा के साथ निवेश करने वाले लोगों को बड़ा झटका लगा है। ऐसी स्थिति में कुछ फाइनेंशियल प्लानर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति फंड (VPF) में निवेश की सलाह दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन से हर माह 12 फीसद की राशि कर्मचारी भविष्य निधि में जमा होती है। वहीं, नियोक्ता भी हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसद EPF में जमा करता है। कर्मचारी अपने वेतन में से अगर 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में निवेश करते हैं तो उसे VPF कहते हैं। VPF पर भी पीएफ पर मिलने वाली दर से ही ब्याज मिलता है।
नियमों के मुताबिक कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ता का 100 फीसद तक VPF में जमा कर सकता है।
VPF में निवेश पर मिलने वाले बेनिफिट्स
इस सवाल के जवाब से पहले आइए जानते हैं कि VPF में निवेश पर आपको किस तरह के फायदे मिलते हैं। निवेश और टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं, ''VPF में किए गए अंशदान पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। EPF की तरह VPF पर भी EEE (एक्जेम्ट, एक्जेम्ट, एक्जेम्ट) का लाभ मिलता है। इसका मतलब ये है कि अगर आप एक साल में 1.5 लाख रुपये की राशि VPF में जमा करते हैं तो इससे हासिल ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर ब्याज में छूट का लाभ मिलता है।''
किस दर से मिलता है ब्याज
EPF पर मिलने वाले ब्याज की दर हर साल बदलती है। वित्त वर्ष 2019-20 में EPF ने 8.5% की दर से ब्याज दिया था। हालांकि, अभी इसे सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि VPF में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है। उससे पहले की निकासी पर आपको VPF पर अर्जित ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, आप कुछ मामलों में नॉन-रिफंडेबल एडवांस निकाल सकते हैं।
PPF, NPS से बेहतर ऑप्शन
बलवंत जैन के मुताबिक वेतनभोगी तबके को रिटायरमेंट के लिए फंड इकट्ठा करने को PPF और NPS की जगह VPF में निवेश करना चाहिए। जैन के मुताबिक इसकी पहली वजह यह है कि VPF पर PPF की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है। साथ ही मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है, जो NPS के मामले में नहीं होता है। उन्होंने बताया कि NPS पर अधिक रिटर्न मिल सकता है लेकिन मेच्योरिटी में से 40 फीसद राशि की Annity खरीदनी पड़ती है जबकि शेष राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है।