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Vodafone Idea फिलहाल नहीं समेटेगी अपना कारोबार, अगले कुछ दिनों में करेगी AGR का भुगतान

AGR Payment वोडाफोन आइडिया पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 05:18 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 10:09 AM (IST)
Vodafone Idea फिलहाल नहीं समेटेगी अपना कारोबार, अगले कुछ दिनों में करेगी AGR का भुगतान
Vodafone Idea फिलहाल नहीं समेटेगी अपना कारोबार, अगले कुछ दिनों में करेगी AGR का भुगतान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। निजी टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea ने शनिवार को कहा कि वह अगले कुछ दिनों में सरकार को बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) का भुगतान करेगी। कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजारों को जानकारी दी कि वह फिलहाल इस बात का आकलन कर रही है कि उसके ऊपर सरकार की कितनी देनदारी है और वह अगले कुछ दिनों में बकाया राशि का भुगतान कर देगी। Vodafone Idea ने बयान जारी कर कहा, ''हम यह सूचित करना चाहते हैं कि कल की सुनवाई के बाद कंपनी को दूरसंचार विभाग से तत्काल भुगतान से जुड़े पत्र प्राप्त हुए।'' हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह रुपये कहां से जुटाएगी।

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Airtel 20 फरवरी तक देगी 10,000 करोड़ रुपये 

इससे पहले Bharti Airtel ने शुक्रवार के दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि कंपनी 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये के बकाया एजीआर का भुगतान करेगी। उसने कहा था कि वह शेष राशि का पेमेंट 17 मार्च तक कर देगी। उसने 22 सर्किल में बकाया राशि की गणना की प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय मांगा है।

AGR के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले शुक्रवार को बकाया एजीआर को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कड़ी फटकार लगायी थी। अदालत ने एजीआर का भुगतान करने के उसके फैसले का अनुपालन नहीं करने पर टेलीकॉम कंपनियों को अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

कोर्ट के फैसले पर निर्भर है बिजनेस करने का फैसला

वोडाफोन आइडिया ने भारत में कारोबार जारी रखने को लेकर कहा है कि यह फैसले में संशोधन को लेकर शीर्ष अदालत में दायर याचिका पर सकारात्मक निर्णय पर निर्भर करता है। वोडाफोन आइडिया पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है।

टेलीकॉम कंपनी के दिवालिया होने पर बैंक को चुकानी पड़ेगी कीमत

इसी बीच देश के सबसे बड़े बैंक SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि अगर कोई भी टेलीकॉम कंपनी दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन करती है तो बैंकों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। एसबीआई प्रमुख ने कहा कि बैंक 'वेट एंड वॉच' मोड में है और दूरसंचार कंपनियों को यह सुनिश्चित करना है कि वे एजीआर भुगतान को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करें।


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