अब एप की मदद से नेत्रहीन पहचान लेंगे नोट, जानिए App कैसे करेगा काम
दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबाइल एप बनाने के लिए कंपनी का चयन किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबाइल एप बनाने के लिए कंपनी का चयन किया है। इस प्रस्तावित मोबाइल एप्लिकेशन के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी। आरबीआई के दस्तावेज में कहा गया है कि मोबाइल आधारित एप विकसित करने के लिए 16 निर्माताओं (वेंडर) ने रुचि दिखाई थी और 'अंतिम रैंकिंग' में पांच कंपनियां बची थीं। एप बनाने के लिए डैफोडिल सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया है। मौजूदा समय में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपये के बैंक नोट चलन में हैं।
दृष्टिबाधित लोगों के लिए नकदी आधारित लेनदेन को सफल बनाने के लिए बैंक नोट की पहचान जरूरी है। नोट को पहचानने में उनकी मदद के लिए 'इंटाग्लियो प्रिंटिंग' आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं। यह चिह्न 100 रुपये और उससे ऊपर के नोट में हैं। यह एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा। इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी।
यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो एप आडियो नोटिफिकेशन के जरिये दृष्टिबाधित व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में बता देगा। अगर तस्वीर ठीक से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई दिक्कत हो रही है तो एप फिर से कोशिश करने की सूचना देगा। देश में दृष्टिबाधितों की संख्या करीब 80 लाख है। आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा।