याहू का सफर खत्म, वेरिजॉन खरीदेगी ऑनलाइन कारोबार
याहू अब जल्द ही इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाएगा। इसका ऑनलाइन कारोबार अब वेरिजॉन कम्यूनिकेशन कंपनी खरीदेगी। इस डील को फाइनल कर दिया गया है।
वाशिंगटन (रॉयटर)। याहू के ऑनलाइन कारोबार को अब अमेरिका की कंपनी वेरिजॉन कम्यूनिकेशंस खरीद लेगी। इस सौदे पर होने वाली सभी औपचारिकताओं को लगभग पूरा कर लिया गया है। वेरिजॉन 483 करोड़ डॉलर में याहू का ऑनलाइन कारोबार खरीदेगी। ये डील 2017 की पहली तिमाही में पूरी होगी। इस डील के बाद याहू का नाम बदल जाएगा। साथ ही याहू का एओएल में विलय होगा। इस डील में अलीबाबा के शेयर और कैश शामिल नहीं हैं। याहू जापान के शेयर भी डील में शामिल नहीं हैं। याहू के नॉन-कोर पेटेंट डील में शामिल नहीं हैं। याहू के कन्वर्टिबल नोट्स भी डील में शामिल नहीं हैं।
इस डील ने याहू के भविष्य को लेकर फरवरी से चली आ रही अनिश्चितता को खत्म कर दिया। रॉयटर्स के मुताबिक याहू की बोली लगाने वालों में वेराइजन सबसे आगे रहा और यह लगभग 5 बिलयन डॉलर में डील फाइनल हुई। दुनिया भर में इंटरनेट का दूसरा नाम बनने वाले याहू की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड कॉलेज के छात्र जेरी येंग और डेविड फिलो ने की थी। 2008 में याहू ने माइक्रोसॉफ्ट की 44 बिलयन डॉलर की डील ठुकरा दी थी। गूगल, फेसबुक इंक, ऐमजॉन और अन्य नई कंपनियों से याहू को कड़ी टक्कर मिल रही थी और याहू इस प्रतिस्पर्धा में काफी पिछड़ गया था।
याहू की सीईओ मरीसा मेयर ने कहा कि वह आज काफी खुश है। उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का बड़ा दिन बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कंपनी के साथ जुड़ी रहना चाहती हैं। इस डील के बाद ऑपरेटिंग कंपनी के तौर पर याहू की पहचान खत्म हो गई है। याहू का याहू जापान में बस 35.5 पर्सेंट स्टेक बच कर रह गया है। इसके अलावा याहू की 15 पर्सेंट हिस्सेदारी चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अली बाबा में भी है। लोगों के बीच लोकप्रिय रहे याहू मेसेंजर को भी बंद करने का फैसला लिया जा चुका है।
वेराइजन, याहू की टेक्नॉलजी से अपने एओएल इंटरनेट बिजनस को नई ऊंचाई तक ले जाने की योजना में है। वेराइजन ने पिछले साल ही 4.4 अरब डॉलर में एओएल को खरीदा था। याहू के विज्ञापन टूल का इस्तेमाल दुनिया में तेजी से बढ़ते इंटरनेट व्यवसाय के लिए किया जाएगा। वेराइजन के लिए सर्च इंजन, ई-मेल, मेसेंजर आदि भी मददगार साबित होंगे।
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