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सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर विचार कर रहे वेंडर

संदीप अग्रवाल ने बताया है कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और MTN पर टेलीकॉम उपकरणों और अन्य वस्तुओं के मद में इन वेंडर्स का बकाया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 08:57 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 08:57 AM (IST)
सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर विचार कर रहे वेंडर
सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर विचार कर रहे वेंडर

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के खिलाफ उसके कुछ वेंडर इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया के बारे में विचार कर रहे हैं। उद्योग संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों कंपनियों पर इनके वेंडर्स का करीब 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है। इस बीच, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन की आखिरी तारीख तीन दिसंबर तय कर दी है।

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पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के टेलीकॉम कमेटी चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और एमटीएनएल पर टेलीकॉम उपकरणों और अन्य वस्तुओं के मद में इन वेंडर्स का बकाया है। इसके अलावा ग्रामीण ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट भारतनेट के लिए सप्लाई किए गए 45 हजार करोड़ रुपये कीमत के टेलीकॉम उपकरण और अन्य संबंधित वस्तुओं का पूरा भुगतान नहीं किया गया है।

अग्रवाल ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का कुल बकाया करीब 20 हजार करोड़ रुपये है। इसके भुगतान के लिए बैंकों ने वेंडर्स पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ये सभी वेंडर्स 19 नवंबर को इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद अगर 10 दिन के भीतर बकाया का भुगतान नहीं किया जाता है तो वेंडर्स बीएसएनएल और एमटीएनएल के खिलाफ एनसीएलटी जाएंगे।

एमटीएनएल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील कुमार ने कहा कि कंपनी को करीब 400 करोड़ रुपये वेंडर्स को देने हैं, जिसका भुगतान जल्द कर दिया जाएगा। इससे पहले 31 अक्टूबर को टेलीकॉम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने इस संबंध में यूएसओएफ को पत्र लिखा था। इस पत्र में वेंडर्स का बकाया चुकाने का अनुरोध किया गया था। यूनीवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) भारतनेट प्रोजेक्ट का प्रबंधन कर रहा था।

इन सरकारी टेलीकॉम कंपनियों पर स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज का 500 करोड़, तेजस नेटवर्क का 314 करोड़, एचएफसीएल का 219 करोड़, पारामाउंट वायर्स एंड केबल्स का 168 करोड़ और वीएलएल का 150 करोड़ रुपये बकाया है। इस मामले में पारामाउंट कंपनी केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र भी लिख चुकी है। इस पत्र में बकाया का भुगतान करने का अनुरोध करते हुए पारामाउंट ने प्रसाद को बताया था कि बैंक उस पर कर्ज लौटाने का दबाव बना रही है।

एमटीएनएल ने अपनी वीआरएस योजना की घोषणा कर दी है। गुजरात के वीआरएस मॉडल पर आधारित इस स्कीम में अगले महीने की तीन तारीख तक आवेदन किया जा सकेगा। कर्मचारियों को भेजी गई नोटिस के मुताबिक कंपनी के सभी स्थाई और रेगुलर कर्मचारी जिनकी उम्र आने वाली 31 जनवरी को 50 वर्ष या इससे अधिक है, इस स्कीम में भाग ले सकते हैं। इससे पहले एमटीएनएल ने बताया था कि कंपनी के कुल 22 हजार कर्मचारियों में से करीब 15 हजार इस योजना के लिए योग्य होंगे।

बीएसएनएल और एमटीएनएल कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि रवि शंकर प्रसाद से मिले

बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारी यूनियन और ऑफिसर संघ के कुछ प्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की। इन सदस्यों ने सरकारी टेलीकॉम कंपनियों के लिए ऑफर की जा रही वीआरएस स्कीम और अन्य सरकारी उपायों को लेकर अपना समर्थन जताया था।


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