भारतीय निर्यात के लिए GSP बहाल कर सकता है अमेरिका, दोनों देशों के बीच मिनी ट्रेड डील की संभावना बढ़ी
भारत जीएसपी के तहत अमेरिका में 5.7 अरब डॉलर मूल्य के वस्तुओं का निर्यात करता था। (PC Reuters)
नई दिल्ली, राजीव कुमार। विश्व व्यापार में चीन के विस्तार को रोकने के लिए अमेरिका और भारत एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका फिर से भारत के लिए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) को बहाल कर सकता है। बदले में भारत अमेरिका से आने वाली 28 प्रकार की वस्तुओं पर आयात शुल्क कम या समाप्त कर सकता है।
इस प्रकार की व्यवस्था को लागू करने के लिए अमेरिका और भारत जल्द ही मिनी ट्रेड डील कर सकते हैं। मिनी ट्रेड डील को बिना किसी रुकावट के अंजाम देने के लिए अमेरिका भारत द्वारा लगाए जा रहे डिजिटल टैक्स के मसले को फिलहाल दरकिनार कर सकता है। दोनों देशों का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक लंबी प्रक्रिया है, इसलिए अभी मिनी ट्रेड डील ज्यादा कारगर है।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जीएसपी के फिर से बहाल होने से भारत को काफी फायदा है। जून, 2019 में अमेरिका ने भारत को जीएसपी की सूची से बाहर कर दिया था। उस समय भारत लगभग 2000 ऐसे उत्पादों का निर्यात अमेरिका में कर रहा था जिस पर अमेरिका में कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। इससे इन उत्पादों की कीमत अमेरिका में कम होती थी और इनकी मांग अमेरिका के बाजार में बनी रहती थी। इनमें ऑटो कंपोनेंट से लेकर टेक्सटाइल से जुड़े आइटम शामिल थे।
भारत जीएसपी के तहत अमेरिका में 5.7 अरब डॉलर मूल्य के वस्तुओं का निर्यात करता था। अमेरिका द्वारा भारत को जीएसपी से बाहर करने पर भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आने वाले 28 उत्पादों के शुल्क में बढ़ोतरी कर दी।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच मिनी ट्रेड डील के लिए अमेरिका भी भारत की तरह उत्सुक है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक गत गुरुवार (27 अगस्त, 2020) को कई अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस सदस्यों ने अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेनटेटिव (यूएसटीआर) को भारत के साथ मिनी ट्रेड डील की सिफारिश की है।
यूएसटीआर को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाले व्यापार में वर्ष 2000 से लेकर 2017 के बीच 560 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वर्ष 2000 में दोनों देशों के बीच 19.1 अरब डॉलर का व्यापार हुआ जो वर्ष 2017 में 126.2 अरब डॉलर का हो गया। अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस सदस्यों ने कहा भारत द्वारा लिए जा रहे डिजिटल टैक्स (गूगल टैक्स) पर दोनों देशों के बीच जटिलताएं बरकरार है, लेकिन अभी इस असहमति को बाद में होने वाले व्यापारिक करार में दूर किया जा सकता है।