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अमेरिका को अपनी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स मंजूर नहीं, भारत समेत 10 देशों में लगने वाले टैक्‍स की करेगा जांच

गूगल और अमेजन जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों पर भारत में लगने वाला डिजिटल सर्विस टैक्स (डीएसटी) अमेरिका को मंजूर नहीं है।

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 05:20 PM (IST)
अमेरिका को अपनी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स मंजूर नहीं, भारत समेत 10 देशों में लगने वाले टैक्‍स की करेगा जांच
अमेरिका को अपनी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स मंजूर नहीं, भारत समेत 10 देशों में लगने वाले टैक्‍स की करेगा जांच

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गूगल और अमेजन जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों पर भारत में लगने वाला डिजिटल सर्विस टैक्स (डीएसटी) अमेरिका को मंजूर नहीं है। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत समेत 10 देशों में लागू या प्रस्तावित डीएसटी की जांच करेगा। अमेरिका की दलील है कि ये देश डीएसटी लगाने में अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) की तरफ से डिजिटल सर्विस टैक्स की जांच शुरू करने के लिए भारत समेत जिन अन्य देशों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, यूरोपीय यूनियन, इटली, इंडोनेशिया, स्पेन, तुर्की एवं ब्रिटेन शामिल हैं। 

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पिछले साल फ्रांस ने अमेरिकी टेक कंपनियों पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगाने का फैसला किया था। तब अमेरिका ने इसके जवाब में फ्रांस के निर्यात पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकी दी थी। उसके बाद फ्रांस ने डिजिटल सर्विस टैक्स को वर्ष 2021 तक के लिए टाल दिया है। भारत ने इस साल बजट में ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन टैक्स की शुरुआत की है। गत एक अप्रैल से ई-ट्रांजेक्शन पर डिजिटल सर्विस टैक्स लगना शुरू हुआ है। 

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत फिलहाल अपनी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव या उसे वापस लेने का कोई इरादा नहीं रखता है। जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने अभी जांच के लिए नोटिस दिया है। यह काफी शुरुआती अवस्था में हैं। अभी ऐसा कुछ भी नहीं है कि अमेरिका ने ई-ट्रांजेक्शन टैक्स को लेकर कोई फैसला ले लिया हो या जल्द ही कोई फैसला लेने वाला हो। सबकुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका की तरफ से होने वाली जांच में क्या निकलता है।

यूएसटीआर की इस जांच को सेक्शन 301 जांच का नाम दिया गया है क्योंकि इसकी जांच 1974 के ट्रेड एक्ट के सेक्शन 301 के तहत होगी। यह सेक्शन अमेरिकी यूएसटीआर को इस बात का अधिकार देता है कि अगर किसी देश के गैर-निष्पक्ष कार्रवाई या भेदभाव वाले रवैये से अमेरिका के व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ता है तो अमेरिका उसकी जांच कर सकता है। जानकारों के मुताबिक यूएसटीआर की तरफ से की जाने वाली इस प्रकार की जांच में महीनों लग जाते हैं और फिर अमेरिकी प्रशासन इस बात का फैसला करता है कि डिजिटल सर्विस टैक्स के जवाब में क्या कार्रवाई की जाए।

इस बीच, आयकर विभाग ने गैर-भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों से डिजिटल टैक्स वसूली के लिए अधिकारियों के कानूनी दायरों का विवरण जारी कर दिया है। चालू वित्त वर्ष के बजट में घोषित दो प्रतिशत डिजिटल टैक्स के दायरे में दो दर्जन से अधिक विदेशी कंपनियां आएंगी। यह टैक्स इस वर्ष पहली अप्रैल से प्रभावी हो चुका है। जानकारों का कहना है कि डिजिटल टैक्स की पहली किस्त के भुगतान की अवधि तेजी से नजदीक आ रही है। इसके वापस लेने या टालने की संभावना भी अभी नहीं दिख रही है। ऐसे में आयकर विभाग इसे पूरी तरह लागू करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। जानकारों का कहना है कि सरकार के लिए यह भी जरूरी है कि वह डिजिटल टैक्स के कई पहलुओं पर जल्द स्पष्टीकरण जारी कर दे।


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