नोटबंदी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था नया मुकाम हासिल करेगी: उर्जित पटेल
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था वह मुकाम हासिल कर सकेगी जो अभी तक छूना मुश्किल लग रहा था
मुंबई (जागरण ब्यूरो)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था वह मुकाम हासिल कर सकेगी जो अभी तक छूना मुश्किल लग रहा था। रिजर्व बैंक की गुरुवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के प्रस्तावना में पटेल ने यह बात कही है।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव नजर आएगा। काले धन पर जारी बहस के बीच उसने कहा है कि इस समस्या से निपटने का सबसे अछा तरीका प्रशासन और सेवाओं की क्वालिटी को बेहतर बनाना है। अत्यधिक नियमन, सख्त जुर्माने और पेचीदा कर ढांचे से हमें बचना चाहिए। रिजर्व बैंक ने ग्लोबल उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका में व्यक्तिगत आयकर की दर एक फीसद बढ़ने से काले धन की अर्थव्यवस्था में 1.4 फीसद की वृद्धि हुई।
रिजर्व बैंक ने कहा कि पिछले सितंबर में समाप्त हुए आय घोषणा स्कीम (आइडीएस) से सरकार को राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। विनिवेश और टेलीकॉम सेक्टर में स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को कम राजस्व मिलेगा। इसकी भरपाई आइडीएस में मिलने वाले राजस्व से हो जाएगी। सरकार ने 2016-17 के दौरान सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के मुकाबले राजकोषीय घाटा 3.5 फीसद पर रहने का अनुमान जताया है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र में एसेट क्वालिटी को लेकर दवाब आगे भी बना रहेगा। बैंकों के एनपीए (फंसे कर्ज) में और यादा बढ़ोतरी हुई है। सितंबर में बैंकों का कुल एनपीए 9.1 फीसद हो गया जबकि मार्च में यह 7.8 फीसद पर था। रिपोर्ट के अनुसार देश का डेट मार्केट विकसित करने के मकसद से रिजर्व बैंक 31 जनवरी 2017 से ब्याज दर ऑप्शन की ट्रेडिंग के लिए इजाजत देगा। रिपोर्ट के अनुसार रेगुलेटर की स्थापना के बाद रियल्टी सेक्टर में सट्टेबाजी पर अंकुश लगने से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हालांकि इस सिस्टमेटिक रिस्क से कोई चिंता की बात नहीं है।
नोटबंदी के बाद परेशान लघु मझोले उद्योगों को राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक इस क्षेत्र में उद्योगों को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी लिमिट दे सकते हैं। बैंकों को इसके लिए सलाह दी गई है। आरबीआइ ने एक अधिसूचना में बैंकों से कहा है कि वे अपने बोर्ड से अनुमति लेकर लघु व मझोले उद्योगों को अतिरिक्त वित्तीय मदद दें ताकि उन्हें कारोबार सुचारु रूप से चलाने में दिक्कत न हो। 31 मार्च तक बैंकों द्वारा यह सिर्फ एक बार सुविधा दी जा सकती है।