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जनवरी-मार्च के दौरान शहरी बेरोजगारी दर में आई कमी

समीक्षाधीन अवधि में पुरुषों के मामले में यह दर 56.2 और महिलाओं के मामले में 15 परसेंट रही।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 10:01 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 10:01 AM (IST)
जनवरी-मार्च के दौरान शहरी बेरोजगारी दर में आई कमी
जनवरी-मार्च के दौरान शहरी बेरोजगारी दर में आई कमी

नई दिल्ली, पीटीआइ। इस वर्ष जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान देश की शहरी बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में बेरोजगारी दर घटकर 9.3 परसेंट रह गई। पिछले वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में यह 9.8 परसेंट थी। हालांकि पिछले वर्ष की समान अवधि के तुलनात्मक आंकड़े मौजूद नहीं हैं। ये आंकड़े सरकार को राहत देने वाले हैं। इससे पहले इसी वर्ष मई में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 के दौरान बेरोजगारी दर 6.1 परसेंट बताई गई थी।

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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में शहरी पुरुष बेरोजगारी दर 8.7 परसेंट रही है। पिछले वर्ष की तुलनात्मक अवधि में यह नौ परसेंट रही थी। महिलाओं के मामले में इस वर्ष जनवरी-मार्च की अवधि में शहरी बेरोजगारी दर 11.6 परसेंट रही। पिछले वर्ष की अप्रैल-जून की अवधि में यह 12.8 परसेंट रही थी।

शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में कुल शहरी मानव संसाधन की भागीदारी दर 36 परसेंट रही, जबकि पिछले वर्ष की तुलनात्मक अवधि में यह दर 35.6 परसेंट थी। समीक्षाधीन अवधि में पुरुषों के मामले में यह दर 56.2 और महिलाओं के मामले में 15 परसेंट रही। गौरतलब है कि बेरोजगारी के पैमाने को लेकर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है।

इस वर्ष नवंबर के दौरान उपभोक्ताओं के विश्वास में मजबूती देखी गई। थॉमसन रायटर और आइपीएसओएस द्वारा तैयार कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स के मुताबिक इस महीने उपभोक्ताओं के विश्वास में 2.9 परसेंट का इजाफा दर्ज किया गया है। इंडिया प्राइमरी कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स (पीसीएसआइ) के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में कम ब्याज दर और अन्य लाभदायक सौदों के चलते उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ा है।

मासिक पीसीएसआइ चार सब-इंडेक्स के प्रदर्शन के आधार पर तैयार किया जाता है। समीक्षाधीन अवधि में इन चार सब-इंडेक्स में से तीन का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा। आर्थिक उम्मीद, निवेश माहौल, व्यक्तिगत फाइनेंस और रोजगार विश्वास सब-इंडेक्स में से सिर्फ रोजगार के पैमाने पर भरोसे में गिरावट देखी गई। बाकी के तीन पैमानों पर उपभोक्ताओं के भरोसे में इजाफा दर्ज किया गया। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से कई सेक्टरों की बिक्री अच्छी नहीं रही है।


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