India Digital Payments Report Q1 2022: एक साल में दोगुना हुआ UPI से होने वाला लेन-देन, इतने रुपये का हुआ कारोबार
वर्ल्डलाइन की इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च 2022 के दौरान पर्सन टू मर्चेंट लेन-देन के लिए UPI उपभोक्ताओं के बीच सबसे पसंदीदा भुगतान मोड के रूप में उभरा। कुल लेनदेन में आधा हिस्सा अकेले यूपीआई का था। इसका मार्केट शेयर 64 फीसद रहा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट रोजमर्रा की जरूरत बनने के साथ अब अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी साबित होते जा रहे हैं। Worldline की 'इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट' के अनुसार, जनवरी-मार्च 2022 के दौरान 10.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट माध्यमों के जरिए किया गया। इस दौरान डेबिट और क्रेडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट और प्रीपेड कार्ड जैसे प्रीपेड भुगतान साधनों और UPI के जरिए 936 करोड़ लेन-देन किए गए।
पहली पसंद यूपीआइ
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी से मार्च की तिमाही के दौरान यूपीआइ पी2एम ((P2M) लेनदेन, उपभोक्ताओं के बीच सबसे पसंदीदा भुगतान मोड के रूप में उभरा। बाजार में इसकी हिस्सेदारी 64 फीसद थी, जो मूल्य के मामले में 50 फीसद आंकी गई है। पेमेंट के लिए यूपीआइ (UPI Payments) का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए यह बात हैरान नहीं करती। जनवरी-मार्च 2022 की तिमाही के दौरान, UPI में 14.55 बिलियन से अधिक लेन-देन हुए। मूल्य में आंका जाए तो यह आंकड़ा 26.19 लाख करोड़ रुपये बैठता है।
2022 की पहली पहली तिमाही में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक लीड कर रहे थे। इसके अलावा, वॉल्यूम के मामले में शीर्ष यूपीआइ ऐप फोनपे, गूगल पे, पेटीएम पेमेंट्स बैंक ऐप, अमेजन पे और एक्सिस बैंक ऐप थे, जबकि शीर्ष पीएसपी (भुगतान सेवा प्रदाता) यूपीआइ सर्विस प्रोवाइडर यस बैंक, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक थे।
मार्च 2022 तक UPI ऐप्स Phone Pe, Google Pay और Paytm से होने वाला लेनदेन, UPI लेन-देन की मात्रा का 94.8 फीसद और मूल्य का 93 फीसद था।
दोगुना हुआ यूपीआइ से लेन-देन
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में UPI से होने वाले लेन-देन की संख्या और उसका मूल्य लगभग दोगुना हो गया है। 2021 की पहली तिमाही की तुलना में मात्रा में इसमें लगभग 99 फीसद और मूल्य में 90 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
क्रेडिट कार्ड का दबदबा कायम
रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन में 7 फीसदी लेन-देन क्रेडिट कार्ड के जरिए होता है, लेकिन यह कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू का 26 फीसदी है। यह दर्शाता है कि ग्राहक अभी भी उच्च-मूल्य वाले लेन-देन के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना पसंद करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेन-देन में डेबिट कार्ड का हिस्सा 10 फीसदी है, लेकिन इसका दबदबा घट रहा है और यूपीआइ में होने वाला लेन-देन बढ़ रहा है।
कार्ड जारी करना
वर्ल्डलाइन 'इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट' 2022 Q1 के अनुसार, मार्च के अंत तक प्रचलन में शामिल क्रेडिट और डेबिट कार्ड की कुल संख्या 99 करोड़ से अधिक थी। जबकि क्रेडिट कार्डों पर बकाए लेन-देन की संख्या मार्च 2021 में 6.20 करोड़ से बढ़कर मार्च 2022 में 7.3.6 करोड़ हो गई। उसी अवधि के दौरान बकाया डेबिट कार्ड 898.20 मिलियन से 2 फीसद बढ़कर 917.66 मिलियन हो गए।
2022 में Q2 के दौरान, लगभग 23 मिलियन डेबिट कार्ड प्रचलन से वापस ले लिए गए थे। इसका कारण संभवतः बैंकों द्वारा निष्क्रिय खातों को बंद करना हो सकता है।