किसानों की कर्जमाफी पर बड़ा फैसला संभव, योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आज
योगी आदित्यनाथ की होने वाली कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने सकती है किसान कर्ज माफी पर बड़ा फैसला
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के 32वें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को होने वाली पहली कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले ले सकते हैं। उम्मीद की जा रहा है कि इस बैठक में किसानों की कर्ज माफी सहित कई बड़े फैसले होने हैं। आपको बता दें कि बीते सोमवार को अधिकारियों और कैबिनेट के सहयोगियों के साथ योगी आदित्यनाथ ने आठ घंटे की मैराथन मीटिंग में तमाम विभागों की योजनाओं के ब्लू प्रिंट पर चर्चा की और लक्ष्य तय किए।
किसानों की कर्जमाफी पर सबकी निगाहें
बीजेपी सरकार ने यूपी चुनाव के घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। इसपर सरकार आज की बैठक में ऐलान करने जा रही है, लेकिन इससे सरकार के खजाने पर भारी बोझ आएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि केंद्र सरकार किसानों के लिए कोई लोन माफी योजना नहीं ला रही है। उन्होंने यह भी बताया था कि इस दिशा में राज्य सरकारें अपने संसाधनों के जरिए प्रयास कर सकती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार इस नीति में राज्यवार भेद नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से किसी विशेष राज्य को मदद करने और किसी दूसरे को न करने की नीति नहीं अपनाई जाएगी।
अरुण जेटली ने कहा, कई राज्यों की ओर से लोन माफी की मांग उठाई जा रही है। कृषि क्षेत्र को लेकर केंद्र सरकार की अपनी नीतियां हैं, जिनके तहत वह लोन पर ब्याज में छूट और अन्य सहायता देती है। हम इन सुविधाओं को आगे भी जारी रखेंगे। उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 33 लाख सीमांत और लघु किसान हैं और लगभग दो करोड़ छोटे किसान हैं। सूबे के डेढ़ करोड़ किसानों के कर्ज माफी का ऐलान हो सकता है।
UP में किसानों की कर्जमाफी से बैंकों को 27,420 करोड़ का नुकसान
भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार, शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों का उत्तर प्रदेश में 86,241.20 करोड़ रुपए का किसान ऋण (कर्ज) बकाया है। इसमें प्रत्येक कर्ज औसतन 1.34 लाख रुपए का है।
फार्म लोन माफी से क्रेडिट अनुशासन होता है प्रभावित: अरुंधती भट्टाचार्य
SBI की प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ लोन पर कर्जमाफी की योजनाएं लोन लेने वालों के क्रेडिट अनुशासन को प्रभावित कर सकती है। गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया था अगर वो सत्ता में आते हैं तो वो राज्य में किसानों के लिए कर्ज माफी योजनाएं लाएंगे।
भट्टाचार्य ने कहा, “हमें लगता है कि (खेत) ऋण माफी के मामले में हमेशा ऐसा होता है कि क्रेडिट अनुशासन में गिरावट आती है, क्योंकि जिन लोगों को छूट मिलती है, उन्हें भविष्य में भी छूट का इंतजार रहता है। ऐसे में दिए गए लोन अक्सर अनपेड रह जाते हैं। आज लोन वापस आ जाएगा क्योंकि सरकार इसके लिए भुगतान कर देगी, लेकिन जब हम फिर से लोन देंगे तो किसान एक बार फिर से माफी के लिए चुनाव का इंतजार करेंगे।”
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