महंगाई पर कसेगी नकेल; अरहर, उड़द, मसूर के लिए खरीद सीमा बढ़ाने को मंजूरी; राज्यों को रियायती दर पर मिलेगा चना
केंद्र सरकार ने बुधवार को उड़द और मसूर की खरीद सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दी। यही नहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme PSS) के तहत अरहर उड़द और मसूर की खरीद की सीमा को बढ़ा दिया।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने उड़द और मसूर की खरीद सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme, PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा को बढ़ा दिया। साथ ही अपने बफर स्टॉक से राज्यों को रियायती दरों पर 15 लाख टन चना देने की भी मंजूरी प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में उक्त फैसले लिए गए।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति यानी सीसीईए (Cabinet Committee on Economic Affairs, CCEA) की बैठक में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बफर स्टॉक से रियायती दरों पर 15 लाख टन चना वितरित करने के लिए मंजूरी प्रदान की गई। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से किसान दलहनी फसलों के उत्पादन की ओर आकर्षित होंगे।
आधिकारिक बयान के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल्य समर्थन योजना (Price Support Scheme, PSS) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद सीमा को मौजूदा 25 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद करने का फैसला किया है। यही नहीं केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति यानी सीसीईए (Cabinet Committee on Economic Affairs, CCEA) ने मूल्य समर्थन योजना एवं कीमत स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund, PSF) के तहत खरीद की गई दालों के भंडार से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को रियायती दरों पर 15 लाख टन चना जारी करने का फैसला किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिए हैं उसके मुताबिक राज्यों को 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर उत्पादक राज्यों के निर्गम मूल्य पर आठ रुपये प्रति किलो की छूट के साथ 15 लाख टन चना उठाने की छूट होगी। सरकार इस योजना पर 1,200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राज्यों को इस चने का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस, मध्याह्न भोजन और एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए करना होगा।
चूंकि हाल के वर्षों में देश में चने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। सरकार का मानना है कि रबी सीजन में भी चने का उत्पादन अच्छा रहेगा। सरकार के ताजा फैसले से दलहन का स्टाक पर्याप्त रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने पीएसएस के तहत फसली वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान चने की रिकॉर्ड खरीद की है। इससे सरकार के पास 30.55 लाख टन चने का स्टाक है। सरकारी खरीद को बढ़ावा देने से दलहन की कीमतों को काबू करने में भी आसानी होगी।