MSMEs निर्यातकों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, 20000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी स्कीम के विस्तार को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MSMEs समेत पात्र निर्यातकों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की लागत खर्च के साथ क्रेडिट गारंटी स्कीम के विस्तार को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "पिछले डेढ़ महीनों में विभिन्न मंत्रालयों और संबंधित विभागों के बीच निर्यातकों के साथ गहन परामर्श हुआ है और इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।"

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MSMEs समेत पात्र निर्यातकों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये की लागत खर्च के साथ क्रेडिट गारंटी स्कीम (Credit Guarantee Scheme) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के माध्यम से मेंबर लैंडिंग इंस्टीट्यूशन को 100% क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करना है। इससे MSMEs क्षेत्र समेत पात्र निर्यातकों को ₹20,000 करोड़ तक की अतिरिक्त लोन सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ब्रीफिंग के दौरान कहा, "पिछले डेढ़ महीनों में विभिन्न मंत्रालयों और संबंधित विभागों के बीच निर्यातकों के साथ गहन परामर्श हुआ है। उनकी ओर से एक स्पष्ट सिफारिश यह आई है कि सरकार ऋण की लागत, ऋण की राशि और ऋण की अवधि को उल्लेखनीय रूप से कम करने के लिए कदम उठाए।"
इस स्कीम से क्या फायदे
यह योजना भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और नए व उभरते बाजारों में विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। CGSE के तहत ज़मानत-मुक्त लोन पहुँच को सुनिश्चित करना, लिक्विडिटी को मज़बूती देना और व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित कर, 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारत की प्रगति को समर्थन मिलेगा। यह पहल देश के आत्मनिर्भर भारत - एक आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से लचीला भारत के लक्ष्य को और आगे बढ़ाती है।
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यह योजना स्वीकृत एक्सपोर्ट वर्किंग कैपिटल लिमिट के 20% तक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी प्रदान करेगी, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि पूंजी बैंकों से प्राप्त की जाती है या एनबीएफसी से। यह नेशनल क्रेडिट गारंटी, ट्रस्टी कंपनी के माध्यम से कॉलेटरल-फ्री सहायता और भारत सरकार की 100% गारंटी प्रदान करेगी। वैष्णव ने कहा कि यद्यपि इस योजना की वैधता 31 मार्च, 2026 तक है, फिर भी वित्त मंत्रालय के परामर्श के बाद इसे बढ़ाया जा सकता है।

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