साइप्रस को यूरोपीय संघ का अल्टीमेटम
यूरोपीय संघ ने साइप्रस को सशर्त बेलआउट पैकेज स्वीकार करने के लिए सोमवार तक का अल्टीमेटम दिया है। संघ ने चेतावनी दी है कि पैकेज स्वीकार नहीं करने पर साइप्रस का वित्तीय तंत्र ढह जाएगा और उसे यूरो जोन से बाहर होना पड़ेगा।
निकोसिया। यूरोपीय संघ ने साइप्रस को सशर्त बेलआउट पैकेज स्वीकार करने के लिए सोमवार तक का अल्टीमेटम दिया है। संघ ने चेतावनी दी है कि पैकेज स्वीकार नहीं करने पर साइप्रस का वित्तीय तंत्र ढह जाएगा और उसे यूरो जोन से बाहर होना पड़ेगा। वहीं, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने कहा है कि सोमवार तक पैकेज मंजूर नहीं होने पर वह साइप्रस के बैंकों को नकदी उपलब्ध कराना बंद कर देगा।
दीवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके भूमध्य सागर स्थित इस देश को बचाने के लिए यूरो जोन ने 10 अरब यूरो का बेलआउट पैकेज मंजूर किया है। लेकिन इस पैकेज के साथ जोड़ी गई शर्तो को साइप्रस की संसद ने ठुकरा दिया है। यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा कि हम साइप्रस को यूरो जोन से अलग करने की तैयारी कर रहे हैं। पूरी यूरोपीय अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
राहत पैकेज घोषित करते समय यूरोपीय संघ ने साइप्रस सरकार से यह वादा करा लिया था कि वह अपने यहां के बैंक खातों में जमा राशियों पर एकबारगी एकमुश्त शुल्क लगाएगी। इसके जरिये वह 5.8 अरब यूरो खुद जुटाएगी। इस देश के बैंक टैक्स चोरी की काली कमाई जमा करने के लिए कुख्यात हैं। इस शुल्क के जरिये बैंक खातों में जमा राशि का 10 फीसद शुल्क के रूप में लिया जाना था। लेकिन साइप्रस के सांसद बैंकों के डिपॉजिट पर किसी भी तरह का शुल्क लगाए जाने पर राजी नहीं हुए।
बृहस्पतिवार को लंबी वार्ता के बाद यूरो जोन के वित्त मंत्रियों ने साइप्रस को नया बेलआउट प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। साइप्रस सरकार ने संसद को एक सॉलिडेरिटी फंड बनाने का सुझाव दिया है। इस फंड में भविष्य में गैस स्त्रोतों से होने वाली आय और इमरजेंसी बांड जैसी संपत्तियों को शामिल किया जाएगा।