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राहत की 2 खबरें: महंगाई हुई कम, औद्योगिक उत्पादन ने पकड़ी रफ्तार

फरवरी में खाने-पीने के सामान की कीमतों में कमी आने से इसकी महंगाई दर जनवरी के 5.07 फीसद से घटकर 4.44 फीसद पर आ गई।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 08:42 AM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 08:54 AM (IST)
राहत की 2 खबरें: महंगाई हुई कम, औद्योगिक उत्पादन ने पकड़ी रफ्तार
राहत की 2 खबरें: महंगाई हुई कम, औद्योगिक उत्पादन ने पकड़ी रफ्तार

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अर्थव्यवस्था के मोर्चे से दोहरी राहत की खबर आई है। मैन्यूफैक्चरिंग के रफ्तार पकड़ने से जनवरी, 2018 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 7.5 फीसद हो गई है। दूसरी ओर, खाद्य उत्पादों की कीमतें घटने से फरवरी में खुदरा महंगाई की वृद्धि दर भी घटकर 4.44 फीसद पर आ गई है। इन दोनों ही आंकड़ों का सरकार की नीतियों और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

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औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर यद्यपि दिसंबर, 2017 में भी 7.1 फीसद रही थी। लेकिन जनवरी के आंकड़े की तुलना पिछले साल के इसी महीने के 3.5 फीसद से की जाए तो यह काफी अधिक है। औद्योगिक उत्पादन में इस तेजी के पीछे मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स की मांग में वृद्धि की अहम भूमिका रही।

जनवरी में मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 8.7 फीसद रही है, जो एक साल पहले 2.5 फीसद रही थी। औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 77.63 फीसद है। इसी तरह जनवरी, 2018 में कैपिटल गुड्स क्षेत्र की वृद्धि दर एक साल पहले के 0.6 फीसद की तुलना में 14.6 फीसद दर्ज की गई।

कैपिटल गुड्स को अर्थव्यवस्था में निवेश और विस्तार की गतिविधियों का सूचक माना जाता है। जानकारों का मानना है कि दिसंबर और जनवरी में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि अर्थव्यवस्था के खुशहाली की तरफ बढ़ने के संकेत दे रही है।

कंज्यूमर ड्यूरेबल और कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल क्षेत्र ने भी जनवरी, 2018 में सकारात्मक प्रदर्शन किया है। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के 23 उत्पाद समूहों में से जनवरी में 16 में वृद्धि दर्ज हुई। मैन्यूफैक्चरिंग के अतिरिक्त बिजली उत्पादन क्षेत्र में भी 7.6 फीसद की वृद्धि दर मिली। हालांकि खनन क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.1 फीसद रही। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी तक के दस महीने में औद्योगिक वृद्धि की दर 4.1 फीसद पर पहुंच गई। बीते वित्त वर्ष में यह पांच फीसद थी।

महंगाई के मोर्चे पर भी राहत-

दूसरी तरफ खुदरा महंगाई के मोर्चे पर भी सरकार को राहत मिली है। फरवरी में खाने-पीने के सामान की कीमतों में कमी आने से इसकी महंगाई दर जनवरी के 5.07 फीसद से घटकर 4.44 फीसद पर आ गई। एक साल पहले यह 3.65 फीसद रही थी।

महंगाई दर नीचे लाने में इन क्षेत्रों का रहा योगदान-

रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कमी का फैसला महंगाई दर को ध्यान में रखकर ही करता है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक महंगाई दर नीचे लाने में सब्जियों की कीमत ने अहम योगदान दिया। इस वर्ग की खुदरा महंगाई वृद्धि दर जनवरी के 26.57 फीसद से घटकर 17.57 फीसद रही। मांस-मछली की महंगाई बढ़ने की दर 3.31 फीसद रही, तो अंडे की 8.51 फीसद।

अनाज और अन्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने की रफ्तार फरवरी में 2.10 फीसद रही। फ्यूल और लाइट वर्ग की महंगाई वृद्धि दर फरवरी में 6.8 फीसद पर आ गई। जनवरी में यह 7.73 फीसद रही थी। इससे इतर, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सर्विसेज की महंगाई वृद्धि की दर जनवरी के 1.97 फीसद के मुकाबले फरवरी में 2.39 फीसद पर आ गई।


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