अनिल अंबानी की अन्य कंपनियों के शेयर क्रैश, 35% टूटा RInfra - फेस वैल्यू से भी सस्ता हुआ Rcom
अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी आरकॉम पर मार्च 2018 के आंकड़ों के मुताबिक 46,547 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिलायंस कम्युनिकेशन (Rcom) की दीवालिया अर्जी का असर अनिल अंबानी समूह की अन्य कंपनियों पर दिखने लगा है। बुधवार को शेयर बाजार में समूह की अन्य कंपनियों के शेयर क्रैश कर गए।
दीवालिया होने की अर्जी लगाए जाने के बाद जहां आरकॉम के शेयर पिछले तीन दिनों में 50 फीसद से अधिक तक टूट चुका है। मौजूदा भाव पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण घटकर करीब 1500 करोड़ रुपये हो चुका है और इसका असर अनिल धीरुभाई अंबानी (एडीएजी) समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा है।
बुधवार को रिलायंस इन्फ्रा का शेयर बीएसई में करीब 40 फीसद तक टूट गया। दोपहर बाद कंपनी का शेयर करीब 37 फीसद की गिरावट के साथ 142 के स्तर ट्रेड कर रहा है।
वहीं रिलायंस कैपिटल का शेयर करीब 12 फीसद तक लुढ़क चुका है।
सबसे ज्यादा पिटाई आरकॉम के शेयरों की हुई है। बुधवार को कंपनी का शेयर करीब 10 फीसद से अधिक तक टूटते हुए 4.85 रुपये के स्तर पर जा पहुंचा, जो इसके फेसवैल्यू 5 रुपये से भी कम है।
पिछले तीन ट्रेडिंग सेशन के दौरान कंपनी का स्टॉक करीब 55 फीसद तक लुढ़क चुका है। जबकि पिछले एक साल में यह स्टॉक 30.60 रुपये के ऊच्चतम स्तर से करीब 80 प्रतिशत टूटते हुए 5 रुपये के स्तर पर आ चुका है।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को आरकॉम ने कहा था कि वह नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में दीवालिया होने की अर्जी देगी।
आरकॉम के अलावा आर पावर (करीब 15 फीसद), रिलायंस होम फाइनैंस (करीब 12 फीसद) और रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग (करीब 10 फीसद) में भी गिरावट आई है।
पिछले तीन दिनों के दौरान रिलायंस निप्पन लाइफ असेट मैनेजमेंट को छोड़कर समूह की सभी 6 सूचीबद्ध कंपनियों का शेयर 25 फीसद से लेकर 60 फीसद तक टूट चुका है। इस दौरान समूह की कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 10,000 करोड़ रुपये तक कम हो चुका है।
अनिल अंबानी की इस टेलीकॉम कंपनी पर मार्च 2018 के आंकड़ों के मुताबिक 46,547 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है।
कंपनी ने कर्ज चुकाने के लिए दिसंबर 2017 में जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री को लेकर डील की थी लेकिन जियो ने कंपनी के कर्च चुकाए जाने को लेकर आश्वासन देने से मना कर दिया। आरकॉम ने करीब 25,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने की योजना बनाई थी, जिसके जरिए करीब 40 कर्जदाताओं का कर्ज चुकाया जाना था।
आरकॉम को स्पेक्ट्रम बिक्री के बदले में जियो से करीब 975 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, जिसमें से 550 करोड़ रुपये का भुगतान एरिक्सन को किया जाना था और 230 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान रिलायंस इन्फ्राटेल के अल्पांश शेयरधारकों को किया जाना था।
लेकिन जियो की तरफ से अंडरटेकिंग नहीं दिए जाने के बाद दूरसंचार विभाग ने पिछले महीने आरकॉम-जियो डील को एनओसी देने से मना कर दिया। जबकि आरकॉम ने इस बिक्री के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दो दिनों की डेडलाइन के भीतर 1400 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी जमा करा दी थी।
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