मुश्किल कारोबारी माहौल साइरस की बड़ी चुनौती
टाटा समहू के नए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के लिए देश का मुश्किल कारोबारी माहौल सबसे बड़ी चुनौती साबित होगा। हाल ही में रिटायर हुए रतन टाटा ने यह बात कही है। टाटा का कहना है कि आने वाले सालों में भारत की कारोबारी स्थितियां वर्ष 1
न्यूयॉर्क। टाटा समहू के नए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के लिए देश का मुश्किल कारोबारी माहौल सबसे बड़ी चुनौती साबित होगा। हाल ही में रिटायर हुए रतन टाटा ने यह बात कही है। टाटा का कहना है कि आने वाले सालों में भारत की कारोबारी स्थितियां वर्ष 1991 की तुलना में ज्यादा मुश्किल और जटिल रहेंगी। उस समय प्रतिस्पर्धा के लिए कम कारोबारी मौजूद थे, लेकिन अब उदारीकरण के बाद ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।
अमेरिकी पत्रिका टाइम को दिए इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा कि भारत का कारोबारी माहौल लगातार मुश्किल होता जा रहा है। भ्रष्टाचार के कारण निवेशकों के विश्वास पर असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए चिंता का कारण है, लेकिन तेज विकास और समृद्धि के कारण इसका दुष्प्रभाव कम दिखा है। भ्रष्टाचार के कारण क्रोनी कैपिटलिज्म (उद्यमियों और सरकारी अधिकारियों के बीच गठजोड़) को बढ़ावा मिला है। हमारे जैसे लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे अवसरों की समानता खत्म हो रही है।
स्पेक्ट्रम घोटाले में टाटा समूह के शामिल होने और समूह के एक लॉबिस्ट के जांच के दायरे में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों ने समूह को न सिर्फ क्लीन चिट दी है, बल्कि दूरसंचार क्षेत्र की सभी कंपनियों में इसे सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला समूह भी बताया है। हमने कुछ गलत और अवैधानिक नहीं किया। साथ ही, हमने कारोबार के लिए कोई अलग तरीका नहीं अपनाया।
टाटा ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं भविष्य के लिए ज्यादा योजनाएं नहीं बना रहा हूं। पिछले काफी समय से मैं अपने लिए समय नहीं निकाल पाया हूं। एक बार मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर लूं तो फिर व्यस्त रहने के उपायों पर विचार करूंगा।' वैश्विक स्तर पर कारोबार की संभावनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के अलावा अफ्रीकी देशों को लेकर आशावादी हैं।