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तीसरी पीढ़ी का इस्पात वाहनों को अधिक किफायती बनाएगा

अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में तीसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा रहा है। नया इस्पात ऑटो निर्माताओं को कम ऊर्जा खपत करने वाले वाहन पेश करने में मदद करेगा। इससे भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है। मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के स्टील

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2015 09:07 PM (IST)
तीसरी पीढ़ी का इस्पात वाहनों को अधिक किफायती बनाएगा

न्यूयॉर्क। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में तीसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा रहा है। नया इस्पात ऑटो निर्माताओं को कम ऊर्जा खपत करने वाले वाहन पेश करने में मदद करेगा। इससे भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है।

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मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के स्टील मैन्यूफैक्चरिंग रिसर्च सेंटर में विकसित किए जा रहे नए इस्पात का नाम 'थर्ड जेनरेशन एडवांस्ड हाई-स्ट्रेंथ स्टील' है। एक बयान में सेंटर के निदेशक रोनाल्ड ओमैली ने कहा, 'फिलहाल हम इस्पात की डिजाइन को बेहतर करने में लगे हैं, ताकि तीसरी पीढ़ी के इस्पात का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता हासिल की जा सके।' उन्होंने कहा कि वाहन कंपनियों को सुरक्षा से समझौता किए बगैर हल्के वाहन बनाने चाहिए। आजकल कारों और ट्रकों के निर्माण में आमतौर पर प्रथम पीढ़ी के इस्पात का उपयोग हो रहा है जबकि दूसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा चुका है। यह अपेक्षाकृत हल्का और मजबूत है। हालांकि दूसरी पीढ़ी के इस्पात का निर्माण अत्यधिक महंगा है और इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है।

ओमैली ने बताया, 'तीसरी पीढ़ी के इस्पात को ज्यादा हल्का, आसानी से उत्पादन योग्य और अधिक मजबूत होना चाहिए।' परियोजना की देखरेख आर्सेलर मित्तल समेत चार प्रमुख इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधियों की एक समिति कर रही है।

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