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बहुत काम के हैं ये टिप्स, नहीं होंगे ऑनलाइन ठगी के शिकार

Online Fraud से बचना है तो पब्लिक वाईफाई या वाईफाई की बजाय फोन के डेटा से ऑनलाइन बैंकिंग करें।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 03:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 08:51 AM (IST)
बहुत काम के हैं ये टिप्स, नहीं होंगे ऑनलाइन ठगी के शिकार
बहुत काम के हैं ये टिप्स, नहीं होंगे ऑनलाइन ठगी के शिकार

नई दिल्ली, अंकित कुमार। सुबह-सुबह अखबार में Online Fraud की खबरें सुनकर मन अंदर से डर जाता है न? जी हां, यह सच है कि डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन, ऑनलाइन शॉपिंग और स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी आसान कर दी है। लेकिन साथ ही इससे धोखाधड़ी की आशंका भी कई गुना तक बढ़ गई है। यह कहीं-ना-कहीं रुपयों से जुड़ा मामला है, इसलिए इसमें सबसे अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। आपको अक्सर इस तरह के मैसेजे मिलते होंगे कि कोई भी बैंक, पेमेंट बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, यूआईडीएआई, इनकम टैक्स विभाग आपके कार्ड से जुड़ी जानकारी कभी नहीं मांगता है, इसलिए इन्हें किसी के साथ भी शेयर ना करें। 

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आइए जानते हैं कि आप किस तरह अपने जीवन भर की कमाई को बचा सकते हैं:

  • Bank, Courier, E-commerce कंपनियों के ऑफिशियल नंबरों पर ही करें कॉल - दिल्ली में रहने वाले समीर ने हाल ही में अपने एक रिश्तेदार के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल से फोन बुक किया था। फोन मंडे को डिलिवर होना था। उन्होंने संडे को स्टेटस चेक किया तो पाया कि प्रोडक्ट नजदीकी हब में पहुंच चुका है। उन्होंने उसी दिन डिलिवरी के लिए इंटरनेट पर ई-कॉमर्स कंपनी के उस हब का नंबर ढूंढा तो उन्हें एक नंबर मिला। उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया तो फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने वेरिफिकेशन के नाम पर समीर से एक मैसेज को एक नंबर पर भेजने को कहा। उन्होंने जैसे ही वह मैसेज भेजा, उन्हें यूपीआई सेटअप से जुड़ा मैसेज आ गया। समीर ने तत्काल समझदारी दिखाई और अपने बैंकों को फोन करके अपने अकाउंट्स को अस्थायी तौर पर ब्लॉक करवा दिया, वरना उन्हें बड़ा चूना लग सकता था। उन्होंने इंटरनेट पर सर्च किया तो इस तरह की धोखाधड़ी के कई मामले उसे देखने को मिले। इसलिए किसी भी हालत में आप संबंधित बैंक, कूरियर या ई-कॉमर्स कंपनी के टॉल फ्री या ऑफिशियल वेबसाइट पर दिये गए नंबर पर ही कॉल करिए। 
  • Online Friendship में सतर्कता बरतें: रितिक को हाल में एक विदेशी लड़की का फ्रेंड रिक्वेस्ट आया। उसने पांच लोगों को म्युचुअल फ्रेंड देखकर रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। इसके बाद उस प्रोफाइल से मैसेज आया। फिर व्हाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान हुआ। चैटिंग हुई। लड़की ने कहा कि वह उससे मिलने के लिए इंडिया आ रही है। रितिक खुश था, हालांकि जिस दिन लड़की को आना था, उस दिन उसके नंबर पर एक कॉल आया। कॉल एक लड़की की ओर से किया गया था, उसने कहा कि आपकी फलां फ्रेंड यहां से आई हैं लेकिन उनके पास से कुछ अवैध चीजें पकड़ी गई हैं। उन्होंने आपका नाम लिया है, अगर आप बचना चाहते हैं तो इतने रुपये का भुगतान करें। वह डर जाता है। दूसरी ओर से धमकी भरे अंदाज में कॉल आते रहते हैं। संयोग से उस दिन उसके पास पैसे नहीं थे, उसने मना कर दिया और फोन ऑफ कर दिया। ऐसे सैकड़ों मामले सामने आते हैं, कभी एक्स्ट्रा लगेज के नाम पर तो कभी ज्वेलरी के नाम पर। ऐसे में अगर आप सोशल मीडिया यूज करते हैं तो किसी को भी फ्रेंड बनाने से पहले प्रोफाइल खंगालना जरूरी है। महज कुछ म्युचुअल देखकर फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें। 
  • Paytm Block - Paytm आजकल डिजिटल लेनदेन का सबसे अधिक लोकप्रिय माध्यम बनकर उभरा है। बड़ी संख्या में लोग पेटीएम के जरिए भुगतान करते हैं, ऐसे में उनके मोबाइल पर जैसे ही पेटीएम के ब्लॉक होने का मैसेज आता है तो वे परेशान हो जाते हैं। आजकल पेटीएम ब्लॉक के नाम पर खूब ठगी हो रही है तो ऐसे मैसेजों को नजरंदाज करने की जरूरत है। आप केवाईसी के नाम पर किसी को भी कोई जानकारी ना दें और अगर KYC करानी हो तो पेटीएम के ऑफिशियल पार्टनर्स के पास ही जाएं।
  • Limit निर्धारित करें: आप डेबिट कार्ड, अकाउंट और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन की लिमिट तय करके रखिए। अगर आपको एक दिन में 10,000 रुपये से अधिक की जरूरत नहीं पड़ती है तो आप इतनी लिमिट तय करके रखिए। अपने अकाउंट से होने वाले लेनदेन पर नजर रखिए। इससे आपको समय पर किसी भी तरह के फ्रॉड का पता चल जाएगा।
  • Credit card से करें ऑनलाइन पेमेंट: अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो बेहतर होगा कि आप डिजिटल पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कीजिए। इससे आपके सेविंग अकाउंट ऑनलाइन एक्सपोजर से बच जाएंगे। सभी अकाउंट को ऑनलाइन रखना भी अक्लमंदी नहीं है। अगर आपके किसी अकाउंट में ज्यादा पैसे हैं तो उस अकाउंट को ब्रांच में जाकर हीं ऑपरेट करें।  

इसके अलावा सिम कार्ड स्वैप पर नजर रखने की भी जरूरत है। फोन से नेटवर्क जाते ही तत्काल टेलीकॉम ऑपरेटर और बैंकों को सूचित करें। ऑनलाइन शॉपिंग में कॉर्ड सेव करने या ऑटो डेबिट सेटअप से बचें। पब्लिक वाईफाई या वाईफाई की बजाय फोन के डेटा से ऑनलाइन बैंकिंग करें। 


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