Move to Jagran APP

आवासीय संपत्ति की पुनर्खरीद पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट पर होगी 10 करोड़ की सीमा, वित्त मंत्री ने की घोषणा

केंद्र सरकार ने बुधवार को पेश बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में डिडक्शन के लिए 10 करोड़ की सीमा तय कर दी है। आयकर अधिनियम की धारा 54 और 54एफ के अंतर्गत यह सीमा आवासीय संपत्ति में पुनर्निवेश के मामले में करदाता पर लागू होगी।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Wed, 01 Feb 2023 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 09:32 PM (IST)
आवासीय संपत्ति की पुनर्खरीद पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट पर होगी 10 करोड़ की सीमा, वित्त मंत्री ने की घोषणा
आवासीय संपत्ति की पुनर्खरीद पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट पर होगी 10 करोड़ की सीमा

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने बुधवार को पेश बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में डिडक्शन के लिए 10 करोड़ की सीमा तय कर दी है। आयकर अधिनियम की धारा 54 और 54एफ के अंतर्गत यह सीमा आवासीय संपत्ति में पुनर्निवेश के मामले में करदाता पर लागू होगी। यह दोनों धाराएं लांग टर्म आवासीय या अन्य संपत्ति की बिक्री से प्राप्त धनराशि के आवासीय संपत्ति में पुननिर्वेश से संबंधित हैं।

loksabha election banner

अधिक छूट लेने की प्रवृत्ति

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि कर रियायतों और छूट के संबंध में मैं आवासीय संपत्ति से होने वाले पूंजी लाभ के डिडक्शन को धारा 54 और 54एफ के तहत 10 करोड़ रुपये तक सीमित करने का प्रस्ताव करती हूं। वित्त विधेयक के मसौदे के अनुसार यह नया प्रविधान हाई नेट वर्थ वाले करदाताओं द्वारा अत्यधिक महंगी आवासीय संपत्ति खरीदने के बाद बहुत अधिक छूट लिए जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की दिशा में एक कदम है।

अभी यह है व्यवस्था

धारा 54 और 54 एफ के तहत करदाता लंबी अवधि वाली किसी संपत्ति की बिक्री के बाद खरीदी गई संपत्ति पर कैपिटल गेन से छूट का लाभ लेते हैं। धारा 54 के तहत किसी आवासीय संपत्ति की बिक्री से मिले धन से कोई आवासीय संपत्ति खरीदने पर लांग टर्म कैपिटन गेन से छूट मिलती है। वहीं धारा 54एफ में आवासीय संपत्ति के अतिरिक्त अन्य संपत्ति की बिक्री पर तब लांग कैपिटन गेन पर छूट मिलती है जब कुल विक्रय राशि से आवासीय संपत्ति खरीदी जाती है। बिल का मसौदा कहता है कि इन दोनों धाराओं का प्राथमिक उद्देश्य आवासों की भारी कमी को दूर करना और आवास निर्माण को गति देना था।

धाराओं का मूल उद्देश्य नहीं हो रहा है पूरा

यह देखने आ रहा है कि हाई नेट वर्थ वाले करदाताओं द्वारा इन धाराओं के तहत लांग टर्म कैपिटल गेन से भारी छूट ली जा रही है। इससे इन धाराओं का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। नए प्रविधान में यह भी व्यवस्था की गई है कि यदि नई संपत्ति की कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक है तो संपत्ति की कीमत दस करोड़ रुपये मान ली जाएगी। बजट दस्तावेज के अनुसार आयकर अधिनियम में यह बदलाव एक अप्रैल 2024 से लागू होंगे और कर निर्धारण वर्ष 2024-25 और आगे के वर्षों में प्रभावी होंगे।

यह भी पढ़ें-

Budget 2023: आम चुनाव से पहले सरकार की महिलाओं, बुजुर्गों, करदाताओं को बड़ी सौगात, जानें किसको क्या मिला?

Budget 2023: महामारी के समय कोई भूखा नहीं सोया, 80 करोड़ गरीबों को दिया गया मुफ्त अनाज- वित्त मंत्री सीतारमण

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.