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टाटा कंपनियों की ईजीएम पर नहीं लगी रोक

बांबे हाईकोर्ट ने टाटा समूह की तीन कंपनियों की अगले सप्ताह होने वाली असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) पर स्थगनादेश देने से इन्कार कर दिया।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 17 Dec 2016 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 17 Dec 2016 01:06 PM (IST)
टाटा कंपनियों की ईजीएम पर नहीं लगी रोक

नई दिल्ली: बांबे हाईकोर्ट ने टाटा समूह की तीन कंपनियों की अगले सप्ताह होने वाली असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) पर स्थगनादेश देने से इन्कार कर दिया। इन कंपनियों के छोटे शेयरधारकों ने नुस्ली वाडिया को स्वतंत्र निदेशक पद से हटाने के लिए बुलाई गई ईजीएम और इसमें टाटा संस के वोट देने पर स्टे लगाने की मांग की थी।
हालांकि जस्टिस एस. जे. काठवाला ने तीन कंपनियों टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के बोर्ड में निदेशकों के खाली पदों पर नई नियुक्ति करने से अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने इन कंपनियों की प्रमोटर कंपनी टाटा संस से कहा है कि वह इस मामले में 15 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करे। वादियों से इस पर प्रत्युत्तर 25 जनवरी तक मांगा गया है।

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टाटा समूह की तीनों कंपनियों के छोटे निवेशक जनक मथुरादास, योगेश मथुरादास, चंदा मथुरादास और प्रमिला मथुरादास ने हाईकोर्ट में आवेदन दाखिल करके मांग की थी कि कंपनियों के प्रमोटरों को ईजीएम बुलाकर वाडिया को हटाने के प्रस्ताव पर मतदान करवाने से रोका जाए। वादियों ने कंपनीज एक्ट के उस प्रावधान को भी चुनौती दी थी जिसके तहत प्रमोटर स्वतंत्र निदेशकों को हटाने के लिए प्रस्ताव लाकर मतदान कर सकते हैं। वादियों के अधिवक्ता नवरोज सेरवाय ने कहा कि स्वतंत्र निदेशकों को हटाने के लिए मतदान की अनुमति सिर्फ पब्लिक शेयरधारकों को होनी चाहिए। स्वतंत्र निदेशकों को दूसरे निदेशकों की तरह नहीं माना जा सकता है।

इस बीच टाटा संस ने एक बयान में कहा कि हाईकोर्ट ने प्रस्तावित ईजीएम में कोई दखल देने से इन्कार कर दिया और ईजीएम बुलाने की अनुमति दे दी। नियम के मुताबिक प्रस्ताव पर टाटा संस के वोट की गणना की जाएगी। इन तीनों कंपनियों की ईजीएम 21 से 23 दिसंबर के बीच होंगी। टाटा संस की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिकारी व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वाडिया कई साल से स्वतंत्र निदेशक हैं। अगर उनके व्यवहार में कोई बदलाव आता है तो प्रमोटर को यह अधिकार है कि वह शेयरधारकों को बताये कि अमुक स्वतंत्र निदेशक अब कंपनी के हित में नहीं है।

टाटा ट्रस्ट नहीं छोड़ेंगे रतन टाटा

टाटा संस ने कहा है कि उसके चेयरमैन रतन टाटा द्वारा टाटा ट्र्स्टों का चेयरमैन पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के एक बयान के अनुसार इस मौके पर ट्रस्टों का चेयरमैन पद छोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मीडिया रिपोर्ट में रतन टाटा के भरोसेमंद सहयोगी आर. के. कृष्ण कुमार के हवाले से कहा गया है कि रतन टाटा ट्रस्टों के मुखिया का पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं। टाटा संस के अनुसार सही समय पर उत्तराधिकार तलाशने के बारे में सोचा जाएगा। टाटा ट्रस्टों के पास ही टाटा संस की नियंत्रणकारी हिस्सेदारी है।

म्यूचुअल फंडों की टाटा कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ी

टाटा संस के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री की विदाई के बाद नवंबर में घरेलू म्यूचुअल फंडों ने समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। म्यूचुअल फंडों के ताजा आंकड़ों के अनुसार समूह की अग्रणी कंपनी टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा स्टील में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इंडियन होटल्स, टाइटन, टाटा ग्लोबल बैवरेजेज और टाटा टेलीसर्विसेज में होल्डिंग की जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।


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