सटीक आंकड़ों और आधुनिक टेक्नोलॉजी के कारण बदल रही कृषि क्षेत्र की तस्वीर
देश के सभी हिस्सों में किसानों की जोत को डिजिटल किया जा चुका है। फसल बीमा सॉयल हेल्थ कार्ड और किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के दौरान आंकड़े तैयार करने में मदद मिली है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कृषि क्षेत्र में सटीक आंकड़ों और आधुनिक टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम है, जिससे खेती की तस्वीर तेजी से बदल रही है। तीसरे एग्रीकल्चरल आउटलुक फोरम, 2019 के उद्घाटन समारोह में कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने कृषि क्षेत्र के आंकड़ों को तैयार करने में मदद मिली है। दो दिवसीय फोरम के पहले दिन कृषि सचिव ने कहा कि कृषि क्षेत्र की योजनाओं के संचालन में किये जाने वाले रजिस्ट्रेशन से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
देश के सभी हिस्सों में किसानों की जोत को डिजिटल किया जा चुका है। फसल बीमा, सॉयल हेल्थ कार्ड और किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के दौरान आंकड़े तैयार करने में मदद मिली है। इससे किसानों तक सहायता पहुंचाने में भी सहूलियत हो रही है। उन्होंने बताया कि देश के चार राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात के चार जिलों में पायलट परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
इन जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और आधुनिक टेक्नोलॉजी का जमकर प्रयोग किया जा रहा है। इस दौरान देश और दुनिया के दूसरे हिस्से से आये कृषि वैज्ञानिकों और नीति नियामकों के बीच विचार-विमर्श किया जाएगा। आंकड़ों और इन आधुनिक तकनीके मार्फत ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुआवजे के भुगतान में भारी मदद मिली है।
दो करोड़ किसानों को 3.5 बिलियन डॉलर तक की धनराशि वितरित की जा चुकी है। कृषि उपज की खरीद बिक्री जैसे प्रावधानों में सहूलियत मिलने लगी है। उन्होने उम्मीद जताई की इस दौरान कुछ नई बातें उभर कर सामने आयेंगी, जिससे किसानों की दशा में सुधार लाने में सहायता मिलेगी। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद ने भी संबोधित किया।