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जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था में आठ सालों की सबसे धीमी GDP ग्रोथ रहने का अनुमान: रिपोर्ट

सीमित वित्तीय सहायता के साथ लंबे समय तक प्रतिबंध रहने के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में इस साल चार दशकों में पहली बार मंदी देखने को मिल सकती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:22 PM (IST)
जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था में आठ सालों की सबसे धीमी GDP ग्रोथ रहने का अनुमान: रिपोर्ट
जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था में आठ सालों की सबसे धीमी GDP ग्रोथ रहने का अनुमान: रिपोर्ट

नई दिल्ली, रॉयटर्स। देश की अर्थव्यवस्था के जनवरी से मार्च महीने की तिमाही में करीब आठ सालों की सबसे न्यूनतम ग्रोथ रेट दर्ज करने की संभावना है। इस तिमाही की आर्थिक ग्रोथ पर कोरोना वायरस महामारी का भी आशिंक रूप से प्रभाव पड़ा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सर्वे से यह बात सामने आई है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में पिछले साल से ही सुस्ती शुरू हो गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के कारण आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से रुक गईं।

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मुंबई में एचएसबीसी की अर्थशास्त्री आयुषी चौधरी ने कहा, 'जनवरी और फरवरी महीने में गतिविधियां मजबूत थीं, किंतु मार्च महीने में मंदी से दो महीनों के मुनाफे को काफी हद तक नुकसान पहुंचा।' 20 से 25 मई के बीच किया गया 52 अर्थशास्त्रियों का सर्वे बताता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मार्च महीने में 2.1 फीसद की दर से ग्रोथ कर रही थी। साल 2012 की शुरुआत में तुलनीय रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से यह सबसे गम ग्रोथ रेट है। यह पिछले तीन महीने में 4.7 फीसद की अपेक्षा  भी बहुत कम है।

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सकल घरेलू उत्पाद (GDP) डेटा का अनुमान 29 मई को 12 बजे जारी होगा। कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के कारण यह +4.5 से -1.5 फीसद के बीच रह सकता है। हालांकि, सर्वे में सिर्फ तीन अर्थशास्त्रियों ने ही पहली तिमाही में मंदी (नेगेटिव ग्रोथ) का अनुमान लगाया है। यद्यपि कई एजेंसियों ने मार्च तिमाही में जीडीपी के बुरी तरह प्रभावित रहने के संकेत दिये हैं।

सिंगापुर में कैपिटल इकोनॉमिस्ट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री शिलान शाह ने कहा, 'लॉकडाउन शुरू होने के बाद मार्च के अंत में औद्योगिक गतिविधियों में अभूतपूर्व गिरावट को देखते हुए हम सोचते हैं कि अर्थव्यवस्था में पिछली तिमाही में मंदी देखने को मिल सकती है।' शाह ने कहा, 'सीमित वित्तीय सहायता के साथ लंबे समय तक प्रतिबंध रहने के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में इस साल चार दशकों में पहली बार मंदी देखने को मिल सकती है।'


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