टेस्को ने बढ़ाई सरकार की उम्मीदें
मल्टी ब्रांड रिटेल में ब्रिटिश कंपनी टेस्को के भारत में निवेश के फैसले से केंद्र सरकार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सरकार मान रही है कि टेस्को के फैसले से प्रोत्साहित होकर अन्य बड़ी कंपनियां भी जल्दी ही भारत के मल्टी ब्रांड रिटेल क्षेत्र में निवेश करेंगी। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पत्रकारों से
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मल्टी ब्रांड रिटेल में ब्रिटिश कंपनी टेस्को के भारत में निवेश के फैसले से केंद्र सरकार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। सरकार मान रही है कि टेस्को के फैसले से प्रोत्साहित होकर अन्य बड़ी कंपनियां भी जल्दी ही भारत के मल्टी ब्रांड रिटेल क्षेत्र में निवेश करेंगी।
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विदेशी कंपनियां विशाल भारतीय बाजार की संभावनाओं से वाकिफ हैं। सवा सौ अरब की आबादी वाला यह देश अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन के मामले में अव्वल है। यह इन कंपनियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। स्वाभाविक है कि ये कंपनियां निवेशक के तौर पर भारत में अपने लाभ देख रही हैं। इसलिए जैसे- जैसे विदेशी कंपनियों को भारत में साझीदार मिलेंगे, मल्टी ब्रांड रिटेल कंपनियां आती जाएंगी।
टेस्को ने टाटा समूह की ट्रेंट के साथ मिलकर भारत के मल्टी ब्रांड रिटेल में 11 करोड़ डॉलर निवेश करने का आवेदन औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआइपीपी) को दिया है। पिछले साल सितंबर में मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मंजूरी मिलने बाद यह पहली कंपनी है जिसने भारत में स्टोर खोलने का प्रस्ताव किया है।
पढ़ें: मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई नियम हुए नरम
शर्मा ने कहा कि भारत में निवेश करने का इन कंपनियों का फैसला बिजनेस से जुड़ा फैसला है। जिन्हें निवेश का फैसला लेना है, वे इसे लेने में अगर समय लेती हैं तो यह जायज है। यह बात सिंगल ब्रांड रिटेल में भी देखी गई है। आइकिया ने भारत में आने का फैसला लेने से पूर्व पर्याप्त समय लिया। दूसरी तरफ फार्मा में एफडीआइ पर शर्मा ने कहा कि नियमों में बदलाव का सरकार का कोई इरादा नहीं है। फार्मा की ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड दोनों तरह की परियोजनाओं में सौ फीसदी एफडीआइ की अनुमति है।