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टेलीकॉम में 100 अरब डॉलर का होगा निवेश: मनोज सिन्हा

नई दूरसंचार नीति के जरिये सरकार इसे 2022 तक बढ़ाकर 100 अरब डॉलर (7.2 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंचाना चाहती है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 12:26 PM (IST)
टेलीकॉम में 100 अरब डॉलर का होगा निवेश: मनोज सिन्हा
टेलीकॉम में 100 अरब डॉलर का होगा निवेश: मनोज सिन्हा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नई टेलीकॉम पॉलिसी मंजूरी के लिए बुधवार को कैबिनेट में पेश किए जाने की संभावना के बीच दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि बीते तीन सालों में दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) बढ़कर पांच गुना 6.2 अरब डॉलर (44,640 करोड़ रुपये) हो गया। नई दूरसंचार नीति के जरिये सरकार इसे 2022 तक बढ़ाकर 100 अरब डॉलर (7.2 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंचाना चाहती है।

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‘दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ पर आयोजित सेमिनार में संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक लाने में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की अहम भूमिका है। पिछले तीन वर्षो में दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआइ बढ़कर पांच गुना हो गया है। 2015-16 में यह 1.3 अरब डॉलर था जो 2017-18 में बढ़कर 6.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि सरकार 2020 तक देश में विश्वस्तरीय 5जी टेक्नोलॉजी लाने को उत्सुक है। इससे मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी उभरती तकनीकों के आने के रास्ते खुलेंगे। नई दूरसंचार नीति-2018 का मसौदा भविष्य की समस्त प्रौद्योगिकियों और उनकी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अगले दो दशकों में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। ऐसे में दुनिया भर के निवेशकों के लिए यह भारत में निवेश का स्वर्णिम अवसर है।

सिन्हा ने माना कि विलय, अधिग्रहण और कारोबार बंदी की कुछ घटनाओं के कारण दूरसंचार क्षेत्र में पिछले दो-तीन वर्ष काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। परंतु सबसे बुरा दौर अब समाप्त हो चुका है। अब हम दूरसंचार से डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे हैं।

इस अवसर पर दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा पूर्व में यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का चेहरा था। जैसे-जैसे यह क्षेत्र मौजूदा वित्तीय दबाव से मुक्त होकर स्थिर होगा, यह पुन: अपनी खोयी आभा प्राप्त कर लेगा। यदि हमने मिलकर कार्य किया तो 100 अरब डॉलर का एफडीआइ प्राप्त करने और जीडीपी में क्षेत्र के योगदान को 6.35 प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने में कामयाब होंगे। 


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