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दूरसंचार कंपनियों को पहले किये गए भुगतान के बावजूद कुल बकाया AGR देनदारी के 10 फीसद का भुगतान 31 मार्च तक करना होगा: सूत्र

सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत स्पष्ट है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपनी कुल देनदारी का 10 फीसद 31 मार्च 2021 तक चुकाना होगा। टेलिकॉम ऑपरेटर्स द्वारा जिस 10 फीसद का भुगतान मार्च तक करना है उसकी गणना कुल एजीआर देनदारी पर होगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:18 AM (IST)
दूरसंचार कंपनियों को पहले किये गए भुगतान के बावजूद कुल बकाया AGR देनदारी के 10 फीसद का भुगतान 31 मार्च तक करना होगा: सूत्र
दूरसंचार कंपनियों के लिए प्रतीकात्मक फोटो Photo Credit : Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहिट टेलिकॉम ऑपरेटर्स , जिनका एजीआर भुगतान बकाया है, उन्हें अपनी कुल देनदारी के दस फीसद का भुगतान 31 मार्च से पहले करना होगा, चाहे उन्होंने पहले आंशिक भुगतान किया हो। सरकारी सूत्रों से यह जानकारी सामने आई है। ऑपरेशनल टेलिकॉम ऑपरेटर्स से 31 मार्च तक 12,921 करोड़ रुपये  का भुगतान किये जाने की उम्मीद है। इसमें से करीब 80 फीसद राशि का भुगतान वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल द्वारा किया जाना है।

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दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने पीटीआइ को बताया, 'सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत स्पष्ट है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपनी कुल देनदारी का 10 फीसद 31 मार्च 2021 तक चुकाना होगा। दूरसंचार विभाग पहले से ही बकाया एजीआर के पूर्ण भुगतान की मांग कर रहा है। टेलिकॉम ऑपरेटर्स द्वारा जिस 10 फीसद का भुगतान मार्च तक करना है, उसकी गणना कुल एजीआर देनदारी पर होगी।'

अधिकारी ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को इसके बाद बची हुई राशि को अगले वित्त वर्ष से दस सालाना किस्तों में चुका सकती हैं।

अधिकारी के अनुसार, वोडाफोन आइडिया 58,254 करोड़ रुपये की कुल मांग के हिसाब से 5,825 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी और भारती एयरटेल 43,980 करेड़ की कुल मांग के हिसाब से 4,398 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। यह भुगतान वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल द्वारा क्रमश:  7,854 करोड़ और 18,004 करोड़ रुपये के पहले से किये गए आंशिक भुगतान के अलावा होगा।

अधिकारी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट कंपनियों द्वारा पहले से किये गए भुगतान के बारे में जानती है। इसलिए उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि "दूरसंचार विभाग द्वारा की गई कुल बकाया की मांग" का दस फीसद।'

इसी तरह बीएसएनएल और एमटीएनएल, जिन्होंने कोई भी भुगतान नहीं किया है, उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश की दूरसंचार विभाग की व्याख्या के अनुसार, क्रमश: 583.5 करोड़ और 435 करोड़ रुपये का भुगतान इस वित्त वर्ष के अंत तक करना होगा।


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