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टेलीकॉम इंडस्ट्री नहीं चाहती जल्द हो 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, यह है वजह

सरकार देश में 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग की तैयारी में है, माना जा रहा है कि 5जी को 2020 के आसपास व्यापारिक तौर पर लांच किया जाएगा

By NiteshEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 02:55 PM (IST)
टेलीकॉम इंडस्ट्री नहीं चाहती जल्द हो 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, यह है वजह
टेलीकॉम इंडस्ट्री नहीं चाहती जल्द हो 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, यह है वजह

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ऐसे समय में जब देश का टेलिकॉम सेक्टर (दूरसंचार उद्योग) पूरे भारत में 4जी नेटवर्क का विस्तार करने की जद्दोजहद में लगा है, सरकार 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि 5जी को 2020 के आसपास व्यापारिक तौर पर लांच किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने अब तक स्पेक्ट्रम की नीलामी की घोषणा नहीं की ।

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जानकारी के मुताबिक, दूरसंचार उद्योग 5 जी सेवाओं के लॉन्च को लेकर उत्साहित है, लेकिन इस क्षेत्र की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार को वाणिज्यिक लॉन्च से कुछ दिन पहले स्पेक्ट्रम की नीलामी करनी चाहिए।

जैसा कि बैंकिंग क्षेत्र पहले से ही खराब वित्तीय स्थिति को झेल रहा है, ऐसे में सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का मानना ​​है कि कर्जदाता दूरसंचार उद्योग को स्पेक्ट्रम की बोली लगाने के लिए लोन नहीं देंगे। जिस वजह से इस उद्योग को विदेशी संसाधनों पर निर्भर होना पड़ेगा।

वहीं, सीओएआई के डीजी राजन मैथ्यूज ने कहा है कि हम चाहते हैं कि घरेलू बैंक उद्योग को उधार दें। हालांकि, बैंकिंग उद्योग के वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखकर ऐसा मुश्किल लगता है। इसलिए हमें बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहना होगा।

बता दें कि भारत में 5जी मोबाइल तकनीक का रोडमैप तैयार करने के लिए गठित स्टियरिंग कमेटी ने अगली पीढ़ी की वायरलेस सेवाओं को जल्द रफ्तार देने के लिए दिसंबर तक 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में कमेटी ने देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत और विस्तार के लिए स्पेक्ट्रम की नीति, नियम, शिक्षण और मानकों के बाबत व्यापक सिफारिशें की हैं।

समिति ने 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन का जो त्रिस्तरीय तरीका भी सुझाया है उसके मुताबिक वायरलेस एक्सेस के लिए 4 गीगाहर्ट्ज से नीचे 405 मेगाहर्ट्ज के साथ 137 मेगाहर्ट्ज तथा 45 गीगाहर्ट्ज से नीचे 5.25 गीगाहर्ट्ज के साथ 8.3 गीगाहर्ट्ज के कुल लाइसेंसी स्पेक्ट्रम दिए जाने चाहिए। जबकि बैकहॉल के लिए 57-86 गीगाहर्ट्ज बैंड में 14 गीगाहर्ट्ज के गैर लाइसेंसी एवं 10 गीगाहर्ट्ज के हल्के लाइसेंसी स्पेक्ट्रम आवंटित करना उचित रहेगा। दूसरी ओर वाईफाई के बारे में समिति ने आउटडोर इस्तेमाल के लिए 5 गीगाहर्ट्ज बैंड में अतिरिक्त गैरलाइसेंसी स्पेक्ट्रम बैंड खोलने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी से देश पर 10 खरब डालर से अधिक का आर्थिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।


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