Telecom Companies को मिल सकता है बेलआउट पैकेज, वित्त और टेलीकॉम मंत्रालय की बैठक में उठा मुद्दा
बैठक में Telecom Companies को राहत देने के मामले में किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंचा जा सका लेकिन कंपनियों को राहत देने के लिए एक बेलआउट पैकेज पर सहमति बनती नजर आई। PC Pixabay
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की देनदारी से प्रभावित टेलीकॉम कंपनियों को बचाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेलआउट पैकेज पर सहमति बनती दिख रही है। रविवार को इस संबंध में टेलीकॉम मंत्रालय, वित्त मंत्रालय एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई। हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों के नुमाइंदों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, बैठक में टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के मामले में किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंचा जा सका, लेकिन कंपनियों को राहत देने के लिए एक बेलआउट पैकेज पर सहमति बनती नजर आई। इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की तरफ से कम ब्याज दरों पर सॉफ्ट लोन की व्यवस्था की जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि एजीआर चुकाने की वजह से टेलीकॉम कंपनियों के बंद होने की स्थिति में देश में किसी एक कंपनी का एकाधिकार हो सकता है या फिर टेलीकॉम बाजार में सिर्फ दो ही खिलाड़ी रह जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार का मानना है कि दोनों ही स्थिति टेलीकॉम बाजार के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में, 17 मार्च से पहले बेलआउट पैकेज पर अंतिम फैसला दिया जा सकता है, क्योंकि एजीआर मामले में आगामी 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तय है।
एयरटेल ने एजीआर के तहत 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वहीं वोडाफोन आइडिया ने 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। टाटा ग्रुप की तरफ से 2,197 करोड़ रुपये दिए गए हैं। एयरटेल को एजीआर के तहत 35,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है और कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख से पहले पूरी रकम चुकाने का आश्वासन दिया है। वोडाफोन आइडिया ने इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं।