Petrol-Diesel की कीमतें रखनी चाहिए कम, टैक्स घटाकर ऐसा कर सकती है सरकार : CII
Tax on petrol and diesel CII अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा है कि मुद्रास्फीति के हमारे प्रमुख कंपोनेंट में तेल प्रमुख है। Petrol-Diesel की कीमतों में बढ़ोतरी से तेल की कीमतें बढ़ी हैं। मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोल और डीजल (Petrol Price today) पर करों में कटौती की जोरदार वकालत करते हुए CII के अध्यक्ष संजीव बजाज ने मंगलवार को कहा कि बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए इस बारे में केंद्र और राज्यों को सोचना चाहिए। समाचार एजेंसी PTI को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स ऐसे समय में बढ़ाए गए, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम थी लेकिन अब इसे फिर घटाने की जरूरत है।
उनके मुताबिक, मुद्रास्फीति के हमारे प्रमुख कंपोनेंट में से तेल भी एक है। हमने Petrol-Diesel की कीमतों में बढ़ोतरी देखी है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ी हैं। हमने मुद्रास्फीति पर प्रभाव देखा है और इसे तत्काल नियंत्रित करने की जरूरत है। हम जानते हैं कि केंद्र और राज्यों दोनों का टैक्सेशन बहुत अधिक है और कुछ ऐसा जो हमने देखा वह यह कि तेल की कीमतें गिर गईं, उस समय दरें बढ़ाई गईं। लेकिन अब जब तेल की कीमतें बढ़ गई हैं तो हम मानते हैं कि इसके लिए सहयोगात्मक तरीके से चर्चा की जानी चाहिए, क्योंकि आखिरकार हम एक देश के लिए ऐसा कर रहे हैं।
CII अध्यक्ष ने यह भी कहा कि तीन विवादास्पद कृषि बिल जो पहले वापस ले लिए गए थे। उनकी समीक्षा की जानी चाहिए और सही सलाह लेकर फिर आगे बढ़ाया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि भूमि अधिग्रहण और कृषि कानूनों से संबंधित अतीत में कुछ सुधारों के रोलबैक का नीतिगत स्थिरता के संदर्भ में व्यापार भावना पर क्या प्रभाव पड़ा है, विशेष रूप से भारत पर नजर रखने वाले विदेशी निवेशकों पर, बजाज ने इन्हें दो अलग-अलग मुद्दों के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों के संबंध में एक पूर्वव्यापी रूप से कुछ भी नहीं करना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि देश की अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए, किसानों की सुरक्षा के लिए, खेत से कांटे तक की सीढ़ियों की संख्या को सुव्यवस्थित करने के लिए, अनावश्यक बिचौलियों और उनकी लागतों को हटा दिया जाना चाहिए और कृषि बिलों की भी समीक्षा की जानी चाहिए और फिर आगे ले जाया जाए।