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TAX डिपार्टमेंट बड़ी कार्रवाई की तैयारी में, 7 लाख लोगों को भेजेगा नोटिस

विभाग का यह कदम अायकर के दायरे से छिपाई गई रकम से कैश ट्रांजेक्शन, संपत्ति की खरीद और दूसरे संदिग्ध लेन देन के बारे में जानकारी लेने के लिए उठाया जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 22 Jul 2016 08:34 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 09:08 AM (IST)
TAX डिपार्टमेंट बड़ी कार्रवाई की तैयारी में, 7 लाख लोगों को भेजेगा नोटिस

मुंबई। अायकर विभाग जल्द बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो 7 लाख अायकर दाताअों को नोटिस जारी होने वाला है। विभाग का यह कदम अायकर के दायरे से छिपाई गई रकम से कैश ट्रांजेक्शन, संपत्ति की खरीद और दूसरे संदिग्ध लेन देन के बारे में जानकारी लेने के लिए उठाया जाएगा।

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माना जा रहा है कि इसका मकसद वेतनभोगी, पेशेवर और कंपनियों पर इस बात का दबाव बनाना है कि वे अपनी छिपाई गई अाय और संपत्ति की जानकारी इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत दें। सरकार कह रही है कि उचित अायकर न देने वालों के लिए यह स्कीम एक मौका है कि वे कालेधन का खुलासा कर दें और उस पर 45 फीसद अायकर चुकाकर पाक-साफ बन जाएं। अायकर विभाग के राडार पर जो लेन-देन हैं, उनमें बैंक के बचत थाते में 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा का कैश डिपॉजिट और 30 लाख रुपये या इससे ज्यादा की अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त शामिल है।

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अायकर विभाग मुंबई के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर डी के सक्सेना ने बताया कि ब्रोकरों, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और दूसरे संस्थानों की ओर से जुर्माना किए गए वार्षिक इन्फॉर्मेशन रिटर्न की जांच करने के बाद मुंबई में अायकर विभाग दो लाख नोटिस जारी करेगा। टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा कि विभाग के पास 2009-10 से 2016-17 की अवधि के लिए करीब 90 लाख ऐसे लेनदेन की व्यौरा हैं।

उसने कहा कि इनमें से कई लेनदेन में पैन की जानकारी नहीं दी गई है। बयान में कहा गया कि अपनी कंप्यूटर तकनीक के जरिए अायकर विभाग ने ऐसे बिना पैन वाले लेनदेन को छांटा है और 7 लाख हाई-रिस्क क्लस्टर्स की पहचान की है, जिनमें लगभग 14 लाख लेनदेन बिना पैन वाले हैं। अायकर विभाग इनकी बारीकी से जांच कर रहा है।'

इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 के तहत वाजिब टैक्स न चुकाने वालों को मौका दिया गया है कि वे 30 सितंबर तक अघोषित संपत्ति का खुलासा कर दें। उन्हें घोषित संपत्ति पर कुल 45 पर्सेंट टैक्स चुकाना होगा। यह टैक्स किस्तों में दिया जा सकता है और अचल संपत्ति के मामले में भुगतान सितंबर 2017 तक किया जा सकता है।

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