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Coronavirus का टैक्स कलेक्शन पर भी दिखेगा असर, ग्रोथ रेट में भी आएगी कमी

विशेषज्ञ अभी यह अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि कोरोना की वजह से टैक्स कलेक्शन में कितनी कमी आएगी।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 04:13 PM (IST)
Coronavirus का टैक्स कलेक्शन पर भी दिखेगा असर, ग्रोथ रेट में भी आएगी कमी
Coronavirus का टैक्स कलेक्शन पर भी दिखेगा असर, ग्रोथ रेट में भी आएगी कमी

नई दिल्ली, राजीव कुमार। कोरोना की वजह से अब देश के टैक्स कलेक्शन में कमी की आशंका गहरा गई है। वहीं, शेयर बाजार में पिछले 10 दिनों में लगभग 9,500 अंकों की गिरावट के बाद कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश कार्यक्रम से भी पहले के मुकाबले कम कलेक्शन के आसार हैं। हालांकि विशेषज्ञ अभी यह अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि कोरोना की वजह से टैक्स कलेक्शन में कितनी कमी आएगी। लेकिन इतना तय है कि चालू वित्त वर्ष ही नहीं, अगले वित्त वर्ष (2020-2021) के दौरान कोरोना का असर टैक्स कलेक्शन पर दिखेगा।

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कोरोना वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन इससे प्रभावित हो चुके हैं। वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की विकास दर में 0.4 फीसद, अमेरिका में 0.2 फीसद तो भारत में 0.1 फीसद की गिरावट होगी। इससे निश्चित रूप से औद्योगिक उत्पादन और विश्व व्यापार में कमी आने जा रही है।

भारत से वस्तुओं के निर्यात में चालू वित्त वर्ष में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम से कम 10 अरब डॉलर की कमी हो सकती है। जीएसटी कलेक्शन में तभी वृद्धि होगी जब वस्तुएं बिकेंगी और ग्राहक विभिन्न सेवाओं का इस्तेमाल करेंगे। कोरोना के असर से मांग में कमी के संकेत मिलने लगे हैं जो सीधे तौर पर जीएसटी कलेक्शन पर असर डालेगा। कोरोना का असर रेस्टोरेंट, होटल, टूरिज्म जैसे क्षेत्र पर भी दिखने लगा है जिससे सेवा क्षेत्र से होने वाले कलेक्शन में कमी आएगी।

भारत सिर्फ विदेशी पर्यटकों से 30 अरब डॉलर (करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये) की कमाई करता है। 15 अप्रैल तक विदेशी पर्यटकों के आगमन पर पाबंदी और अगले कुछ महीनों के लिए बुकिंग रद होने की बढ़ती घटनाओं से टैक्स घटना लाजिमी है। चीन से सप्लाई चेन के प्रभावित होने से आयात में कमी होगी। इससे भी जीएसटी टैक्स कलेक्शन में कमी आएगी क्योंकि आयात पर आईजीएसटी के रूप में टैक्स मिलता है। फरवरी में आयात में कमी से आईजीएसटी में 2 फीसद की गिरावट रही।

टैक्स एक्सपर्ट एवं डेलॉय के पार्टनर एमएस मनी के मुताबिक इस माह की 20 तारीख को कारोबारी पिछले महीने का जीएसटी रिटर्न भरेंगे जिसके आंकड़ों को सरकार अप्रैल में जारी करेगी। इसलिए अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि टैक्स कलेक्शन में कितनी कमी आएगी, लेकिन कलेक्शन प्रभावित जरूर होगा।

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक कोरोना की वजह से बाजार में हो रही लगातार गिरावट से शेयर मूल्य में भारी कमी आई है जिसका असर चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से होने वाली कमाई पर पड़ने जा रहा है। सरकार ने इस वर्ष विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था जो अब घटकर 50,000 करोड़ तक रह सकता है। कोरोना की वजह से सरकार ने कोल इंडिया, सेल, इरकॉन व एनएमडीसी जैसी सरकारी कंपनियों के शेयर में बिक्री के प्रस्ताव को टाल दिया है।

जीएसटी टैक्स लक्ष्य हासिल करने के लिए फरवरी माह में 1.15 लाख करोड़ तो मार्च में 1.25 लाख करोड़ कलेक्शन की जरूरत थी। लेकिन फरवरी माह में 1.05 लाख करोड़ कलेक्शन रहा जो लक्ष्य से 10,000 करोड़ कम है।


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