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Tata Sons में शापूरजी पालोनजी ग्रुप की 18.37 फीसद हिस्सेदारी का मूल्य 80,000 करोड़ रुपयेः टाटा समूह ने SC को बताया

Tats Sons vs Shapoorji Pallonji Group टाटा समूह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि Tata Sons में शपूरजी पलोनजी (SP) समूह के 18.37 फीसद शेयरों का वैल्यूएशन 70000 करोड़ रुपये से 80000 करोड़ रुपये के बीच बैठता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 07:55 AM (IST)
Tata Sons में शापूरजी पालोनजी ग्रुप की 18.37 फीसद हिस्सेदारी का मूल्य 80,000 करोड़ रुपयेः टाटा समूह ने SC को बताया
इस मामले में आगे की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। (PC: PTI)

नई दिल्ली, पीटीआइ। टाटा समूह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि Tata Sons में शापूरजी पालोनजी (SP) समूह के 18.37 फीसद शेयरों का वैल्यूएशन 70,000 करोड़ रुपये से 80,000 करोड़ रुपये के बीच बैठता है। SP Group ने इससे पहले टाटा समूह से अलग होने की योजना के बारे में उच्चतम न्यायालय को बताया था और कहा था कि उसकी 18.37 फीसद हिस्सेदारी का मूल्यांकन 1.75 लाख करोड़ रुपये के आसपास का है। टाटा समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष टाटा सन्स में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी के मूल्य को लेकर Tata Sons का पक्ष रखा। इस पीठ में जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम शामिल हैं। 

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साल्वे ने पीठ के समक्ष कहा, ''उनका इंवेस्टमेंट ऊपर चढ़ा है...हमारी गणना के हिसाब से उन शेयर 70,000 करोड़ रुपये से 80,000 करोड़ रुपये मूल्य के हैं।''

इस पर पीठ ने सवाल किया, ''कौन से शेयर?''

पीठ के प्रश्न पर साल्वे ने जवाब दिया, ''वे 18 फीसद।''

साल्वे ने कहा कि कंपनी ने जबरदस्त वृद्धि हासिल की है और 1991 से 2012 के मध्य टाटा समूह के मार्केट कैप में 500 गुना तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिली।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रिकार्ड में पेश किए गए दस्तावेज को रेफर करते हुए कहा कि एसपी ग्रुप की 18.37 फीसद हिस्सेदारी का मूल्यांकन मार्च, 2016 में 58,000 करोड़ रुपये किया गया था।

साल्वे ने कहा कि एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी टाटा ग्रुप में 18 फीसद पर बनी हुई है। 

उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर, 2016 को साइर मिस्त्री को टाटा सन्स के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से हटाए जाने की वजह से उत्पन्न घटनाक्रम की वजह से इस समय इस मामले में सुनवाई चल रही है। मिस्त्री का कार्यकाल मार्च, 2017 में समाप्त होना था।

साल्वे ने कहा कि एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में साइरस मिस्त्री की नियुक्ति की मियाद मार्च, 2017 में पूरी होने वाली थी। बकौल साल्वे इस पद पर मिस्त्री की नियुक्ति जीवन भर के लिए नहीं की गई थी।

उन्होंने कहा कि टाटा सन्स के बोर्ड में शामिल किया जाना प्रतिष्ठा की बात है। साल्वे ने कहा, ''यह गर्व की बात है कि जैगुआर कार का विनिर्माण टाटा मोटर्स द्वारा किया जाता है।''

इस मामले में आगे की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।


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