इंडियन होटल्स के स्वतंत्र निदेशकों से पूछताछ कर सकती है टाटा
टाटा ग्रुप इंडियन होटल्स से जुड़े उनके स्वतंत्र निदेशक से इस मामले में पूछताछ कर सकती है कि वो सही मायनों में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर ही काम कर रहे हैं कि नहीं
नई दिल्ली: टाटा ग्रुप इंडियन होटल्स से जुड़े उनके स्वतंत्र निदेशक से इस मामले में पूछताछ कर सकती है कि वो सही मायनों में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर ही काम कर रहे हैं कि नहीं। इसके अलावा वो एकदम पाक-साफ होने के साथ-साथ शापूरजी पालोनजी के समूह से किसी भी तरह का वित्तीय या आर्थिक लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
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आपको बता दें कि साइरस मिस्त्री इस समूह के वंशज हैं। बीते शुक्रवार को आईएचसीएल के सभी छह स्वतंत्र निदेशकों को मिस्त्री को आईएचसीएल के चेयरमैन पद पर बनाए रखने की वकालत की थी।
स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए जवाब में उन्होंने मिस्त्री पर अपना पूरा भरोसा जताया और कहा कि यह जरूरी था कि आईएचसीएल के निवेशक और जनता बड़े पैमाने पर उनके विचार को जाने, ताकि वो शेयर की खरीदारी के संबंध में उचित निर्णय लेने की स्थिति में आ सकें। इस घटना को व्यापक रूप से रतन टाटा और टाटा संस के बोर्ड के लिए एक बड़े झटके के रूप में वर्णित किया गया था।
टाटा ट्रस्ट से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य, जो आतिथ्य व्यवसाय (हॉस्पिटेलिटी) से जुड़े हुए हैं और रतन टाटा के खेमे के माने जाते हैं से उम्मीद है कि वो आईएचसीएल के छह स्वतंत्र निदेशकों के बयान का खंडन कर सकते हैं। साथ ही वो उनसे यह भी कह सकते हैं किवो मिस्त्री को निकाले जाने के फैसले के खिलाफ जाकर अपने भविष्य को भी खतरे में डाल सकते हैं।
वित्त मंत्रालय ने एलआईसी और बैंको को अलर्ट रहने को कहा
टाटा ग्रुप के बोर्डरुम विवाद ने अब वित्त मंत्रालय को भी चिंता में डाल दिया है। मंत्रालय ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एलआईसी जैसे वित्तीय संस्थानों और बैंकों से कहा है कि वो टाटा ग्रुप से जुड़ी हर हलचल पर नजर बनाए रखें। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक एलआईसी के साथ बैंकों ने अपने डिपॉजिटर्स की बड़ी रकम टाटा संस के अंतर्गत आने वाली कई कंपनियों में निवेश कर रखी है। ऐसे में यह उनकी जिम्मेदारी है कि जनता का पैसा किसी भी सूरत में जोखिम में न पड़े।